• April 27, 2024 6:36 pm

बाल्टीमोर हादसा… पावर कट हो जाए तो पानी के जहाज को रोकना मुश्किल क्यों? जानें कैसे काम करता है शिप

डाली नाम का एक विशाल कार्गो शिप मंगलवार को अमेरिका के ‘फ्रांसिस स्कॉट की’ ब्रिज से टकरा गया. विशेषज्ञों का कहना है कि पावर कट भी इस हादसे की अहम वजह हो सकती है. चलिए समझते हैं कि अगर पावर कट हो जाए तो जहाज को रोकना इतना मुश्किल क्यों होता है? इस हादसे में पूर्णिमा की रात का क्या कनेक्शन है?

अमेरिका के बाल्टीमोर में मंगलवार को डाली नाम का एक विशाल कार्गो शिप ‘फ्रांसिस स्कॉट की’ ब्रिज से टकरा गया. टक्कर के बाद पुल ढह गया. सिंगापुर के झंडे वाला यह कार्गो जहाज किराए पर लिया गया था और श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जा रहा था. मैरीटाइम एंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर ने अपने बयान में बताया कि ‘घटना से ठीक पहले, डाली जहाज का प्राॅप्लशन कुछ देर के लिए बंद हो गया’. इसकी वजह से वो दिशाहीन हो गया फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज से टकरा गया. विशेषज्ञों का कहना है कि पावर कट भी इस हादसे की अहम वजह हो सकती है.

मिशिगन यूनिवर्सिटी में नेवल आर्किटेक्चर के प्रोफेसर मैथ्यू कोलेट का कहना है कि यह इलेक्ट्रिकल फेल्योर की निशानी होता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे से कुछ देर पहले शिप पर पावर कट हुआ था जिसकी वजह से वो ब्रिज से टकरा गया.

पावर कट में कैसे काम करता है जहाज का बैकअप सिस्टम

शिप में इस्तेमाल होने वाले फ्यूल सिस्टम के लिए बिजली की जरूरत होती है. मैथ्यू कोलेट का मानना है कि डाली के आकार के एक जहाज में बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘तीन या चार इंडिपेंडेंट डीजल जनरेटर होंगे. इसके अलावा एक इमरजेंसी जनरेटर मेन डेक के ऊपर मौजूद होगा. पावर कट जैसी स्थिति में ये वाला जनरेटर खुद-ब-खुद चालू हो जाता है. लेकिन इसे भी शुरू होने में थोड़ा समय लगता है. लगभग 30 से 60 सेकेंड के समय में इमरजेंसी जनरेटर चालू होता है और फिर जाकर वो शिप को पावर देता है.

इस दौरान, इंजन और स्टियरिंग सिस्टम बंद पड़ा रहता है. नाजुक मौकों पर जैसे ब्रिज के नीचे से निकलते समय अगर पावर कट होती है, तो चालक दल भी कुछ समय के लिए जहाज को दिशा देने में असमर्थ होते हैं. नतीजा हादसे की वजह बन सकती है.

पूर्णिमा की रात का कनेक्शन

प्रोफेसर मैथ्यू कोलेट का कहना है कि टक्कर के समय, पानी का बहाव भी अनुकूल नहीं था. जिस दिशा में जहाज चल रहा था, उसी दिशा में पानी का बहाव था. जब पानी का बहाव जहाज की दिशा में होता है, तो जहाज को चला पाना और भी मुश्किल हो जाता है. ऊपर से मंगलवार पूर्णिमा (फुल मून) का अगला दिन था. इस समय समुद्र की लहरें और भी तेज बहती हैं. ऐसे में उस जहाज को काबू कर पाना और मुश्किल हो जाता है जिसमें बिजली की सप्लाई पहले ही बंद पड़ी हो.

इंडियन हीरोज ने बचाई लोगों की जान

हादसे के समय डाली जहाज पर सभी 22 चालक दल भारतीय थे. मैरीलैंड के गवर्नर ने कहा कि चालक दल की सूझबूझ से सैंकड़ों लोगों की जान बचाई गई. उन्होंने कहा कि पुल से टकराने के कुछ समय पहले जहाज के चालक दल ने एक SOS संदेश भेजा था. इससे लोगों की जान बचाने में मदद मिली और सड़क यातायात को रोका जा सका. अगर वो ऐसा न करते तो पुल पर और ज्यादा भीड़-भाड़ होती और कई अन्य जानें भी जा सकती थीं. AFP से बातचीत में गवर्नर वेस मूर ने कहा कि ये लोग हीरो हैं.

 

 

 

 

 

 

 

source tv9 bharatvarsh

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