09 अगस्त 2022 | गेहूं और आटे के निर्यात पर पहले से जारी प्रतिबंध के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को मैदा, सूजी और साबूत आटे के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की ओर से सोमवार को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार जब गेहूं के आटे, मैदा और सूजी के कारोबारी बिना क्वालिटी सार्टफिकेट के इसे निर्यात नहीं कर सकेंगे।
डीजीएफअी की ओर से सोमवार को हा गया है कि गेहूं का आटा, मैदा, सूजी और साबुत आटा के निर्यात पर प्रतिबंधन नहीं है पर इन चीजों के निर्यात के लिए अंतर मंत्रालयी समिति की मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
सरकार की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक ये प्रतिबंध आने वाले रविवार (14 अगस्त) से प्रभावी होगा। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि आठ अगसत से 14 अगस्त के बीच मैदा और सूजी के उन खेपों को निर्यात की अनुमति दी जाएगी जिन जहाजों पर लोडिंग अधिसूचना जारी होने के पहले ही शुरू हो गई है।
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक अंतर मंत्रालयी परिषद् (Inter Ministerial Committee) की ओर से शिपमेंट्स को निर्यात की मंजूरी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के निर्यात निरीक्षण परिषद् की ओर से गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही मिल सकेगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल मई महीने में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। उस दौरान गेहूं का निर्यात बढ़ने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतें आसमान छूने लगी थीं। उसके बाद जुलाई महीने में गेहूं के आटे के निर्यात पर भी सरकार ने बंदिशें लगा दी थी। बीते छह जुलाई को जारी डीजीएफटी की अधिसूचना में गेहूं के आटे के निर्यात के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया। अब गेहूं के आंटे के निर्यात के बाद सरकार ने मैदा और सूजी जैसे उत्पादों के निर्यात पर भी सख्ती बढ़ाने का फैसला ले लिया है।
सोर्स;-“अमर उजाला”