• May 17, 2024 11:12 am

महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदकर आप दे रहे हाइवे बनाने में 75% योगदान, टोल टैक्स के रूप में दोबारा कर क्यों चुका रहे हैं आप?

18 अगस्त 2022 | देश में पेट्रोल-डीजल के भाव पिछले काफी समय से 100 रुपये प्रति लीटर के करीब बने हुए हैं। क्या आपको यह पता है कि केंद्र सरकार देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के जो दावे कर रही है उसे बनाने के लिए जरूरी रकम में पेट्रोल-डीजल पर लगाए गए सेस की हिस्सेदारी 75 फीसदी तक है।

दिलचस्प तथ्य यह है कि आम लोग ही सरकार को पेट्रोल-डीजल खरीदने पर भारी टैक्स चुका रहे हैं और इसी रकम से बने हाइवे पर चलने में उन्हें दोबारा टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने अगले साल पेट्रोल-डीजल सेस से इस साल की तुलना में 50 फीसदी तक अधिक रकम जुटाने का लक्ष्य तय किया है, इससे यह संकेत भी मिलते हैं कि पेट्रोल-डीजल के भाव में आपको जल्द राहत नहीं मिलने जा रही है।

केंद्र सरकार के दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है कि पेट्रोल-डीजल पर लगाए जाने वाले रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सेस की मदद से देश में नेशनल हाईवे बनाने के लिए जरूरी फंड का बड़ा हिस्सा पूरा होता है। साल 2022-23 के लिए पिछले मंगलवार को पेश बजट में नेशनल हाईवे बनाने के लिए 1.99 लाख करोड़ की जिस रकम का आवंटन किया गया है, उसका 75 फ़ीसदी हिस्सा पेट्रोल-डीजल सेस से आएगा।

जल जीवन मिशन की फंडिंग भी

इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में पानी पहुंचाने की योजना जल जीवन मिशन की पूरी रकम इसी पेट्रोल-डीजल सेस से खर्च की जा रही है। वास्तव में देश के लोग पेट्रोल डीजल के नाम पर जो रकम चुका रहे हैं उसमें फ्यूल सेस की बड़ी हिस्सेदारी है।

सेंट्रल रोड एवं इंफ्रा फंड

पिछले मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया है। बजट के दस्तावेजों से पता लगता है कि सरकार ने Morth के लिए 1.99 लाख करोड़ का जो प्रावधान किया है उसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपये की रकम सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से आने वाली है। चालू वित्त वर्ष में सेंट्रल रोड एंड इन्फ्राट्रक्चर फंड से ₹89,000 करोड़ की रकम आने की उम्मीद है।

इस साल से 254 फीसदी अधिक रकम
बजट के दस्तावेजों से पता लगा है कि सरकार ने साल 2022-23 के लिए सेंट्रल रोड एंड इन्फ्राट्रक्चर फंड (CRIF) से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 1.01 लाख करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया है। यह मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में 254 फ़ीसदी अधिक है।

टोल टैक्स क्यों?
केंद्र सरकार टोल टैक्स के रूप में रोड कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस के उद्देश्य के लिए रकम वसूलती है। टोल टैक्स के रूप में वास्तव में आप दोबारा सड़क बनाने और उसके मेंटेनेंस का चार्ज चुका रहे हैं।

पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स?
अगर बात पेट्रोल और डीजल की कीमत और टैक्स की करें तो पेट्रोल के लिए डीलर को 44.4 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल के लिए ₹46 प्रति लीटर का शुल्क चुकाना पड़ता है। इसके बाद केंद्र सरकार पेट्रोल पर ₹33 एक्साइज ड्यूटी और डीजल पर करीब ₹32 एक्साइज ड्यूटी लेती है। इसके बाद पेट्रोल पर डीलर का कमीशन करीब ₹4 प्रति लीटर और डीजल पर 2.6 रुपये प्रति लीटर होता है। अगर बात राज्य सरकारों के सेल्स टैक्स वैट की करें तो यह पेट्रोल पर ₹24 से कुछ अधिक और डीजल पर ₹14 से कुछ कम प्रति लीटर के करीब है।

सेस एवं सरचार्ज की हिस्सेदारी
इस समय देश के अधिकतर राज्यों में पेट्रोल के भाव ₹95 प्रति लीटर और डीजल के भाव ₹90 प्रति लीटर के आसपास बने हुए हैं। अगर आप पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले सेस एवं सरचार्ज के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि पेट्रोल पर इस समय सेस और सरचार्ज के रूप में ₹32 प्रति लीटर जबकि डीजल पर ₹30 प्रति लीटर की रकम वसूली जा रही है।

सोर्स:- “नवभारतटाइम्स       

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