17 मार्च 2023 | केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में उर्वरकों पर सब्सिडी कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा, “किसानों पर उर्वरक सब्सिडी कम करने के प्रभाव को समझने के लिए अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है।”
सब्सिडी को कम करने की कोई योजना नहीं
एक अलग जवाब में, मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकार के पास पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत पीएण्डके उर्वरकों की दरों को नियंत्रित करने की कोई योजना नहीं है। सरकार किसानों को सस्ती दरों पर मिट्टी के पोषक तत्व सुनिश्चित करने के लिए यूरिया और गैर-यूरिया उर्वरक दोनों पर सब्सिडी प्रदान करती है।
यूरिया उर्वरक के संबंध में, मंत्री ने कहा कि किसानों को वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य 242 रुपये प्रति बैग 45 किलोग्राम (नीम कोटिंग और लागू होने वाले करों को छोड़कर) पर यूरिया प्रदान किया जाता है।
रियायती दरों पर की जा रही यूरिया की आपूर्ति
फार्म गेट पर यूरिया की सुपुर्दगी लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार वसूली के बीच अंतर केंद्र सरकार द्वारा यूरिया निर्माताओं/आयातकों को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है। उन्होंने कहा, “सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।”
फॉस्फेट (पी) और पोटाशिक (के) उर्वरकों के मामले में, एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के तहत तैयार उर्वरकों के साथ-साथ कच्चे माल की बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी तय की जाती है।
उर्वरकों के लिए सब्सिडी 42 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान
पीएण्डके उर्वरक विनिर्माताओं/आयातकों को पंजीकृत को सब्सिडी दी जाती है जो किसानों को सब्सिडी दरों पर इन उर्वरकों को उपलब्ध कराते हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पीएण्डके उर्वरकों के लिए सब्सिडी 42,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सोर्स :– ” जागरण ”