• May 8, 2024 2:10 pm

Chaiti Chhath 2024 : डूबते सूर्य को आज और कल उगते सूर्य को अर्घ्य देंगी महिलाएं

हिंदू धर्म में लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत खास है. बिहार में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है. इसमें कार्तिक मास में होने वाला और चैती छठ शामिल है. छठ पर्व मनाने वालों पर सूर्य की महिमा बनी रहती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है. 12 अप्रैल से चैती छठ महापर्व का आगाज हो गया है.

चार दिवसीय चैती छठ पूजा को लेकर छठव्रती विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने में जुटे हुए हैं. बीते शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू चैती छठ पूजा को लेकर आज रविवार को श्रद्धालु डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे, जबकि सोमवार अल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवसीय चैती छठ पूजा का समापन हो जाएगा. शनिवार को मृगशिरा नक्षत्र और शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहार रहकर शाम में खरना पूजा कर गुड़ से बनी खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लिया. इससे काया निरोग, बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है. भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है. सूर्य की कृपा से घरों में सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है.

इन बातों का रखें ख्याल

  • छठ के दौरान किसी भी बर्तन या पूजन सामग्री को झूठे हाथ से नहीं छुना चाहिए. ऐसा करने से व्रत खंडित माना जाता है.
  • पूजा में फूल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि वह फूल टूटे हुए या फिर पशु-पक्षियों की ओर से खाए हुए नहीं होने चाहिए.
  • चैती छठ के दौरान केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें.
  • व्रत करने वाले को जमीन पर आसन बिछाकर सोना चाहिए.
  • छठ पूजा में पहले इस्तेमाल किए गए बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

source lalluram news

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