27 अप्रेल 2022 | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जमीन के सीमांकन से संबंधित सभी मामले 31 मई तक निबटा लें साथ ही राजस्व से जुड़े अन्य मामलों का निपटारा दो माह के भीतर अभियान चलाकर करें। मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों को यह निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नक्शा बटांकन, अभिलेख दुरूस्तीकरण जैसे लंबित प्रकरणों का निपटारा दो माह में कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी मुख्यालयों में पटवारी अनिवार्य रुप से उपस्थित हों तथा तहसीलों के खाली पद जल्द भरे जाएं। बैठक में अफसरों ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण तथा विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना देश में अपने आप में एक अनूठी योजना है, जिसमें भूमिहीन श्रमिकों को सलाना 7000 रूपए की सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने राजस्व सचिव को अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, व्यपर्वतन के प्रकरणों के निराकरण के लिए कलेक्टरों को पत्र लिखने के लिए कहा है।
उन्होंने नजूल और स्लम पट्टों में हितग्राहियों को भू-स्वामी अधिकार प्रदान करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भी कलेक्टरों को पत्र भेजा जाए। बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, एसीएस सुब्रत साहू, राजस्व सचिव एनएन एक्का, संचालक धर्मेश साहू, सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया, संचालक जनसम्पर्क सौमिल रंजन चौबे आदि उपस्थित थे।
कमिश्नर पहुंच रहे गांवों तक
संभागीय कमिश्नर गांवों में घूम-घूमकर लोगों से मुलाकात कर राजस्व प्रकरणों की जानकारी ले रहे हैं। सीएम ने राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए कमिश्नरों की इस पहल की सराहना की।
बस्तर में रैली कोसा की एमएसपी खरीदी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेशम पालन करने तथा कोसा उत्पादन करने वालों के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बस्तर में रैली कोसा की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा इसकी खरीदी की जाएगी। पिछले दिनों बस्तर प्रवास के दौरान सीएम भूपेश ने इसकी घोषणा की थी।
इस घोषणा के बाद लघु वनोपज संघ ने आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बस्तर संभाग में इसके समर्थन मूल्य पर संग्रहण के लिए खरीदी दर निर्धारित की गई है। वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि शासन के इस महत्वपूर्ण निर्णय से अब रैली कोसा के उत्पादन और प्रसंस्करण का दोहरा लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री राज्य लघु वनोपज संघ तथा रेशम संचालनालय के बीच एमओयू हुआ है। इसके अनुसार लघु वनोपज संघ द्वारा खरीदे गए कोकून, विभाग को प्रदाय किए जाएंगे। रेशम विभाग द्वारा बस्तर संभाग में 740 हितग्राहियों का चयन करके उन्हें रेशम धागाकरण का प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 8 से 10 करोड़ रैली कोसा-कोकून का उत्पादन होता है।
Source :- “दैनिक भास्कर “