कोविड-19 संक्रमण के प्रकोप को लेकर चीनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाली वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर ली मेंग यान जिन्होंन दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के एक प्रयोगशाला में बनाया गया है. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया है कि कोविड-19 के रिसर्च के दौरान प्रयोगशाला में उन्हें अपनी खोज को लेकर किसी से बात करने की अनुमति नहीं थी.
हमारे सहयोगी चैनल WION के साथ एक विशेष बातचीत में डॉक्टर ली मेंग यान ने बताया, ‘सरकार को सब मालूम था कि क्या हो रहा है और क्या होने वाला है. प्रेसीडेंट शी जिनपिंग कोविड-19 के प्रकोप को छिपाने में शामिल थे. चीनी सरकार वुहान में बढ़ते कोरोना मामलों की संख्या छिपा रही थी. डॉक्टर ने बताया कि जो लोग इस वायरस की स्थिति जानते थे वे भी चुप थे.’
ली यान ने आगे कहा, “मैंने 31 दिसंबर से वुहान के डॉक्टर्स से संपर्क साधना शुरू किया था और कोविड-19 के प्रकोप के बारे में आगाह करने की कोशिश की थी लेकिन वे काफी डरे हुए थे और कह रहे थे कि इसके बारे में बात मत करो और बस एक मास्क पहन लो.
वायरोलॉजिस्ट ने बताया कि, ‘जनवरी के मध्य में मेरे सुपरवाइजर ने मुझे बताया, ‘कोविड-19 की जांच करते समय सावधानी बरतें. रेड लाइन को क्रॉस न करें. यदि ऐसा हुआ तो मैं मुश्किल में पड़ जाऊंगा, और मुझे गायब कर दिया जाएगा.’
जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में यान का ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं उनके परिवार वालों को चीनी सरकार धमका रही है और डॉक्टर की छवि को सोशल मीडिया के जरिए धूमिल करने की कोशिश कर रही है.
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