30 जुलाई 2022 चूरू जिले के एक छोटे से गांव के दुकानदार बजरंग की जिद की कहानी अनोखी है। उसे एयरोप्लेन देखने का शौक था। जयपुर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बजरंग को सिक्योरिटी गार्ड ने टेक ऑफ करता प्लेन नहीं देखने दिया। बात दिल पर लगी और उसने खुद का एयरक्राफ्ट बनाने की जिद ठान ली। 8 साल की मेहनत के बाद टू-सीटर एयरक्राफ्ट तैयार कर लिया। बजरंग का दावा है कि प्लेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।
जिले के राजलदेसर कस्बे के गांव दस्सुसर में रहने वाले बजरंग उर्फ बृजमोहन (25) ने यह इनोवेशन किया है। बजरंग गांव में ही मोबाइल और कंप्यूटर रिपेयर की दुकान करता है। दुकान से होने वाली कमाई को वह एयरक्राफ्ट बनाने में लगाता रहा।
10-12 लोगों ने भी आर्थिक मदद की। करीब 15 लाख रुपए खर्च करने के बाद अब एयरक्राफ्ट तैयार है। बजरंग ने बताया कि एयरक्राफ्ट में वैगनआर कार का इंजन लगाया है। फ्यूल टैंक 45 लीटर का है, जिससे 150 किलोमीटर तक उड़ान भरी जा सकती है।
मोबाइल व कम्प्यूटर रिपेयरिंग का काम करने वाले बजरंग की गांव में ही दुकान है। एयरक्राफ्ट बनाने से पहले उसने एक ड्रोन बनाया था, जिसमें कम्प्यूटर हार्ड डिस्क में लगने वाली मोटर लगी थी। ड्रोन तीन दिन तक नहीं उड़ा। इसके बाद उसका रिमोट तैयार किया। तब चौथे दिन ड्रोन आसमान में उड़ा।
बजरंग के टीचर भी हैरान
बचपन के टीचर दानाराम का कहना है कि बजरंग का स्कूल डॉक्यूमेंट में नाम बृजमोहन है। बजरंग पढ़ाई में साधारण था। पांचवीं क्लास तक ही पढ़ने के बावजूद उसने गजब की प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उसका इनोवेशन देख गर्व होता है।
बजरंग के पिता ताराचंद कलवानिया खेती व मिस्त्री का काम करते हैं। तीन भाइयों में वह सबसे छोटा है। दोनों बड़े भाई रामेश्वर व मदन खेती-बाड़ी करते हैं। बजरंग मोबाइल एवं कंप्यूटर लैपटॉप रिपेयरिंग का काम करता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय देगा एयरक्राफ्ट उड़ाने की अनुमति
कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि दस्सूसर निवासी बजरंग के द्वारा बनाए गए एयरक्राफ्ट को पड़िहारा हवाई पट्टी पर उड़ाने की अनुमति नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से दी जाएगी। अगर एयरक्राफ्ट पांचवीं पास बजरंग ने बनाया है तो वह उसकी अनुशंसा नागरिक उड्डयन विभाग को जरूर कर देंगे। इसके अलावा कलेक्टर सिहाग ने बजरंग को मिलने के लिए भी बुलाया है।
source “दैनिक भास्कर ”