2 अप्रैल 2022 | रजिस्ट्री में जबरदस्त उछाल के बाद सरकार ने लगातार चौथे साल कलेक्टर गाइडलाइन यानी जमीन की सरकारी कीमत में 30 फीसदी की कमी बरकरार रखने की घोषणा कर दी है। अब यह छूट 31 मार्च 2023 तक मिलती रहेगी। 40 फीसदी की छूट केवल 31 मार्च तक ही थी। इसे आगे नहीं बढ़ाया है, लेकिन 30 फीसदी की कमी नए वित्तीय वर्ष के लिए भी जारी रहेगी। यानी जमीन की सरकारी कीमत तीन साल पुरानी ही रहेगी। नई कीमत तय कर उसमें कमी नहीं की जाएगी।
जमीन की सरकारी कीमत में कमी के बाद से ही रियल एस्टेट के कारोबार में जबरदस्त बूम आया है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में 2021-22 के लिए दिया गया राजस्व टारगेट जनवरी में ही पूरा हो गया है। इतना ही नहीं इसके बाद नए रिवाइज टारगेट को भी पूरा कर लिया गया है। राज्य सरकार ने पिछले वित्तीय साल में 17000 करोड़ का टारगेट तय किया था। सभी जिलों में रिकार्ड तोड़ रजिस्ट्री होने की वजह से तय लक्ष्य से ज्यादा की रजिस्ट्री कर ली। रजिस्ट्री के आंकड़ों की वजह से ही लगातार चौथे साल भी जमीन की सरकारी कीमत में 30 फीसदी की कमी को जारी रखा गया है।
3 साल पुरानी कीमत : कांग्रेस सरकार बनने के बाद पहले कोरोना और फिर लॉकडाउन ने रियल एस्टेट के कारोबार को प्रभावित किया था। सरकार ने हालात को देखते हुए रियल एस्टेट के कारोबार को संभालने जमीन की कीमत में 30 फीसदी कमी कर दी थी।
रायपुर में रिकार्ड तोड़ रजिस्ट्री
रायपुर जिले को वित्तीय वर्ष 2021-22 की शुरुआत में 545 करोड़ की रजिस्ट्री का टारगेट दिया था, लेकिन इस लक्ष्य को जनवरी में ही पूरा कर लिया गया। इसके बाद 623 करोड़ का रिवाइज टारगेट दिया गया। टारगेट का ये आंकड़ा भी पार हो गया है। 31 मार्च 2022 तक रायपुर जिले में 730 करोड़ की रजिस्ट्री दर्ज कर ली गई है। यानी तय लक्ष्य से 116 प्रतिशत ज्यादा की रजिस्ट्री की गई है। राज्य बनने के 21 साल में अब तक का यह सबसे बड़ा रजिस्ट्री कलेक्शन है।
लोगों को राहत देने के लिए कलेक्टर गाइडलाइन रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सरकारी कीमत में 30 फीसदी की छूट इस वित्तीय साल में भी लागू
Source :- “दैनिक भास्कर”