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कांग्रेस का किसान मार्च, किसानों के साथ छलावा

ByPrompt Times

Sep 29, 2020
बृजमोहन ने अटल जी को उनके जन्मदिन पर किया याद
  • कांग्रेस ने पांच दशक से अधिक किसानों का शोषण किया है
  • पैदल मार्च कांग्रेस का पश्चाताप मार्च है
  • किसानों के पांच दशक से अधिक शोषण के लिये माफी मांगे कांग्रेस
  • बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर/28 सितंबर 2020/ भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस द्वारा कृषि विधेयक को लेकर निकाले जा रहे है  पैदल मार्च को किसानों के साथ छलावा करार देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के नाम पर घड़ियाल आंसू बहा रही है। यह वही पार्टी है, जिसने पांच दशक से अधिक समय तक राज करते हुए किसानों के उपर ध्यान नहीं दिया। किसानों को बिचैलियों के हवाले कर दिया। किसानों की उन्नति तरक्की के लिए कुछ नहीं किया और जब किसानों ने इन्हें नकार दिया तक किसान किसान का रट लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह मार्च पांच दशक से अधिक समय तक किए गए किसान विरोधी कार्यों का पश्चाताप मार्च है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस केन्द्र के सत्ता से बाहर बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही है, पूरे देश में कृषि विधेयक के खिलाफ झूठ व फरेब की फसल तैयार करने में लगी है। देश के माहौल को अपने तथाकथित अर्बन सहयोगियों के साथ मिलकर, तख्ती गैंग, अवार्ड वापसी गैंग के साथ मिलकर खराब करने तुली हुई है। अराजक माहौल बना रही है।
श्री अग्रवाल ने प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस इतनी ही किसान हितौषी है तो छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का 2500/- रूपया प्रति क्विंटल आज तक क्यों नहीं दिया ? क्यों किसानों के खेत के रकबे मेड़ के नाम पर, पंप हाउस के नाम पर धान खरीदने कम किए जा रहे हैं? क्यों ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से प्रभावित लाखों किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है? क्यों किसानों को नकली खाद-बीज दी जा रही है ? किसानों को कृषि उपकरण, क्यों नहीं दी जा रही है ? किसानों को केन्द्र सरकार की कृषि योजना के तहत मिलने वाले फायदा क्यों नहीं दिया जा रहा है ?
श्री अग्रवाल ने चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस बतावे विधेयक में कौन सी चीज किसानों से छिनी है। बल्कि कृषि विधेयक तो किसानों को उस बिचैलियों से मुक्ति देगी जो कांग्रेस ने किसानों को दिया था। कृषि विधेयक किसानों को उस बंद बाजार से बाहर निकालकर एक देश एक बाजार की ओर ले जायेगा, जहां किसान अपने शर्तों पर, अपने दर पर, अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है। यह विधेयक कृषि विकास का विधेयक है। यह विधेयक किसानों के उत्थान का विधेयक है और इसलिए कांग्रेस इसमें रोड़ा अटका रही है।

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