17 जनवरी 2022 | CancelBoardPariksha: बड़ी संख्या में छात्र ट्विटर पर कोविड -19 महामारी स्थितियों के कारण 10 वीं, 12 वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहेहैं।
CancelBoardPariksha: देश में कोरोना वायरस के केस दोबारा बढ़ रहे हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर फिर सवाल खड़ा होने लगा है। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र और शिक्षक तनाव में गुजर रहे हैं। सामान्य तौर पर जनवरी माह में छात्र प्रश्न बैंक, प्रीलिम्स या मॉक टेस्ट से तैयारी करते हैं। इस साल स्टूडेंट्स इनमें से कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। उपलब्ध प्रश्न बैंक भी वही है, जो पिछले साल एससीआईआरटी द्वारा अपलोड किया गया था। जहां 2021 में बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के फॉर्मूले पर अंक दिए गए। वहीं इस साल राज्य बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि एग्जाम ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी। हालांकि स्कूल यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि छात्र अधिक से अधिक मॉक टेस्ट ऑनलाइन हल करें।
इस बीच, कोविड -19 मामलों में वृद्धि के बीच सीबीएसई, आईसीएसई के साथ ही राज्य बोर्डों से परीक्षाओं को रद्द करने की मांग तेजी हो रही है। सीबीएसई, सीआईएससीई ने अभी तक टर्म 2 परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। सीबीएसई ने अपने पहले के बयान में कहा था कि टर्म 2 की परीक्षा तभी आयोजित की जाएगी जब कोविड -19 की स्थिति बेहतर हो जाएगी। इस बीच, असम, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने बोर्ड परीक्षाओं को जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश में कक्षा 10, 12 की परीक्षाएं कोविड-19 महामारी की स्थितियों पर निर्भर करेंगी। उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) ने चुनाव के बाद कक्षा 10, 12 की परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है।
बड़ी संख्या में छात्र ट्विटर पर कोविड -19 महामारी स्थितियों के कारण 10 वीं, 12 वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उम्मीदवार हैशटैग #cancelboardpariksha, #CancelBoardExam2022, #BoardExam के साथ ट्वीट पोस्ट कर रहे हैं।
महाराष्ट्र स्कूल हेडमास्टर्स फोरम के प्रवक्ता महेंद्र गणपुले ने कहा कि स्कूलों को बंद करने के नोटिस में उल्लेख किया गया है। दसवीं और बारहवीं क्लास के लिए बोर्ड से संबंधिक गतिविधियों का संचालन कर सकते हैं। हालांकि भ्रम पैदा किया है, क्योंकि 15 फरवरी के बाद से प्रैक्टिकल शुरू होते हैं। जिसका मतलब है कि इससे पहले बोर्ड से संबंधित कोई गतिविधियां नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए आयोजित की जाने वाली सभी शैक्षिक गतिविधियों को लिखना चाहिए था, ताकि छात्रों को प्रारंभिक परीक्षा और प्रैक्टिल के लिए बुलाया जा सके।
गणपुले ने कहा, ‘पिछले तीन महीनों में बोर्ड के लिए पढ़ाई शुरू करना छात्रों की सामान्य मानसिकता है।’ प्रीलिम्स में प्राप्त अंक से उन्हें अपनी तैयारी के बारे में पता चलता है। शिक्षक भी फिर आगे छात्रों की कमजोरी विषयों में मदद करते हैं। लेकिन अब स्कूल बंद होने के कारण संभव नहीं हैं। एक वरिष्ठ शिक्षक भगवान पांडेकर ने कहा कि कुछ स्कूल ऑनलाइन प्रीलिम्स एग्जाम ले रहे हैं, लेकिन वे उतने प्रभावी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत कम छात्र ऑनलाइन प्रश्न पूछते हैं। हमें नहीं पता चल पाता कि ऑनलाइन क्लास में वे समझ पाए हैं या नहीं। एक क्लास में हम सभी बच्चों पर नजर डाल सकते हैं। उन्हें समझा सकते हैं। पांडेकर ने कहा, छात्रों को बहुत नुकसान होगा। खासतौर पर उन लोगों को जो औसत या उससे कम हैं। एक छात्र ने कहा कि स्कूलों को खुला रहना चाहिए था। ऑनलाइन क्लास में सवाल पूछना अजीब लगता है। ऑफलाइन क्लास बेहतर विकल्प है। एक अन्य दसवीं की छात्रा ने कहा कि उनके स्कूल में अभी कुछ सब्जेक्ट के चैप्टर रह गए हैं। टीचर इसे ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। अगर बोर्ड स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खुलते तो अच्छा रहता है। इससे पाठ्यक्रम को पूरा करने, मॉक टेस्ट देने और गलतियों को दूर करने में मदद मिलती है।
Source;-“नईदुनिया”