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ऊर्जा सरप्लस हिमाचल के लिए सिरदर्द बनी Thermal Power प्रोजेक्टों से बिजली की खरीद

06 जून 2022 |

सार

हिमाचल में हर साल बिजली के 12 हजार मिलियन यूनिटों की घरेलू खपत होती है। इसमें करीब 750 मिलियन यूनिट बिजली थर्मल पॉवर प्रोजेक्टों से खरीदी जाती है। यहां पानी से बनी बिजली ही ज्यादा इस्तेमाल होती है। ऐसे में यहां थर्मल पावर प्रोजेक्टों से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं है।

विस्तार

ऊर्जा सरप्लस हिमाचल प्रदेश के लिए थर्मल पावर प्रोजेक्टों से बिजली की खरीद सिरदर्द बन गई है। प्रदेश में बहते पानी से बनी बिजली बाहरी राज्यों को बेची जा रही है और न चाहते हुए भी हिमाचल को बाहर से कोयले से बनी बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसका कारण इन थर्मल पावर प्रोजेक्टों से वर्ष 2031 तक का समझौता है। मौजूदा वक्त में 200 करोड़ रुपये खर्च कर सालाना इनसे 750 लाख मिलियन यूनिट बिजली खरीदी जा रही है।

राज्य सरकार इस करार को खत्म करना चाह रही है, जिसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को चिट्ठियां लिखी हैं। अगर यह करार खत्म होता है तो हिमाचल को वर्ष 2025 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य घोषित किया जा सकता है, क्योंकि हिमाचल पूरी तरह पनबिजली और सौर ऊर्जा से ही बिजली इस्तेमाल करने वाला राज्य बन जाएगा।

हिमाचल में हर साल बिजली के 12 हजार मिलियन यूनिटों की घरेलू खपत होती है। इसमें करीब 750 मिलियन यूनिट बिजली थर्मल पॉवर प्रोजेक्टों से खरीदी जाती है। यहां पानी से बनी बिजली ही ज्यादा इस्तेमाल होती है। ऐसे में यहां थर्मल पावर प्रोजेक्टों से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं है। चार थर्मल प्रोजेक्टों से 25 साल का बिजली खरीद का करार हाल ही में खत्म हुआ है। अभी भी उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में स्थापित करीब छह थर्मल प्रोजेक्टों पर यह समझौता लागू है, जो वर्ष 2031 तक है। सावड़ा-कुड्डू, काशंग के अलावा एसजेवीएनएल, हिमाचल पावर कारपोरेशन की कई परियोजनाओं से हिमाचल सरकार के पास पर्याप्त बिजली है।

समझौते में छूट नहीं मिली तो बाहरी राज्यों को भी बिजली बेचेगा हिमाचल 
अगर केंद्र से वर्ष 2031 तक मौजूदा समझौतों को खत्म करने की छूट नहीं मिली तो हिमाचल थर्मल पावर प्रोजेक्टों से खरीदी जा रही बिजली को खुद इस्तेमाल न कर बाहरी राज्यों को ही बेच सकता है। इससे जल्द ही हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य घोषित किया जा सकता है। 

इसलिए थर्मल प्रोजेक्टों से बिजली खरीद का हुआ था करार
जब दशकों पहले प्रदेश में पनबिजली परियोजनाओं से घरेलू खपत पूरी नहीं हो पाती थी, तो ऐसे में थर्मल पावर प्रोजेक्टों से बिजली खरीद के करार करने पड़े थे। 

राज्य सरकार ने केंद्र से यह मामला उठाया है। हिमाचल जल्द ही हरित ऊर्जा राज्य घोषित होगा। मुख्यमंत्री और उन्होंने खुद चिट्ठी लिखकर इस मामले को भारत सरकार से उठाया है। समाधान के लिए सचिवों का इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाने का अनुरोध किया गया है। बहुत जल्द हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की अच्छी खबर मिल सकती है।

Source :- “अमर उजाला”

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