• May 6, 2024 10:28 pm

कैश क्रॉप पर किसानों का जोर,फसल परिवर्तन पर जताया भरोसा

19 अप्रैल 2023 |  किसान अब परम्परागत कृषि से आगे की सोचने लगे हैं। धान के बदले नगद फसल की ओर इनका रुझान बढा है। सब्जी के अलावा सुगन्धित धान की खेती का रकबा इस बार बढा है। कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले के किसानों ने सुगन्धित धान की खेती पर भरोसा जताया है .

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद कृषि के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। परम्परागत के बजाय किसान आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। आधुनिक कृषि यंत्रों के सहारे कगेटी केR रहे हैं। फल से लेकर सब्जी और दलहन तिलहन की खेती ने इस बार जोर पकड़ा है। केला,अमृदके अलावा पपीता की खेती किसान कर रहे हैं। सुगन्धित धन के अलावा जिंक और जैविक खेती पर किसान जोर दे रहे हैं। कोटा ब्लॉक में फसल परिवर्तन की चमकदार तस्वीर दिखाई दे रही है। आदिवास किसान हल्दी की खेती कर रहे हैं।

धान से ज्यादा फायदा फल की खेती में

जोन्धरा के किसान प्रमोद शर्मा ने फसल परिवर्तन के तहत पांच एकड़ में अमरूद की खेती कर रहे हैं। एक सीजन में पांच लाख 40 हजार रुपये का अमरूद बाजार में बेचे हैं। उनका कहना है कि पांच एज्ड में धान की खेती करने पर इतनी आय हो ही नही सकती। अमरूद के बगीचे में वे दलहन तिलहन की खेती भी कर रहे हैं। मल्हार के किसान जदूनन्दन वर्मा धान के अलावा फल व सब्जी की खेती कर रहे हैं। दो एकड़ में केले की खेती कर रहे हैं सजे अलावा सब्जी की खेती भी कर रहे हैं।

सुगन्धित धान का रकबा-5909 एकड़

    • जिंक धन- 500 एकड़
    • जैविक धान-875 एकड़
    • मक्का- 500 एकड़

 

सोर्स :-“नईदुनिया”     

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