• May 1, 2024 11:42 pm

पहली बार विषय विशेषज्ञ के फीडबैक से बनेगी पंचायतों व निकायों की आर्थिक रिपोर्ट, एनजीओ से छीना काम

24  सितम्बर 2022 | प्रदेश में पहली बार ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विषय विशेषज्ञ मैदान में उतरेंगे। अब यह मौके पर जाकर जानेंगे कि आखिर पंचायतों और निकायों की माली हालत खराब क्यों है और इसे बेहतर कैसे किया जा सकता है। इसका प्लान तैयार कर राज्य वित्त आयोग को देंगे। आयोग इस रिपोर्ट को सरकार को सौंपकर प्लान के अनुरूप काम करने की अनुशंसा करेगी।

अभी तक यह काम एनजीओ किया करते थे। जिस वजह से रिपोर्ट में आंकड़े तो आ जाते थे, अनुसंधान नहीं आता था। बताया जा रहा है कि इन इनपुट के आधार पर जनता की समस्याएं, पंचायतों व निकायों की वास्तविक जरूरत सामने आएंगी। इसको लेकर शुक्रवार को राज्य वित्त आयोग और विश्वविद्यालय व कॉलेज के बीच एमओयू किया गया। एमओयू में यह भी दर्ज कि रिपोर्ट तीन महीने में बनानी होगी। आयोग के सूत्रों की मानें तो आने वाले समय और विशषज्ञों को भी इससे जोड़ा जा सकता है। संयुक्त सचिव डाॅ. जेएस विरदी एवं अनुसंधान अधिकारी पायल गुप्ता, सचिव सतीश पांडेय आदि एमओयू के समय उपस्थित थे।

प्रदेश का हाल

  • 11,664 ग्राम पंचायतें
  • 169 निकाय
  • 14 नगर निगम
  • 43 नगर पालिका
  • 112 नगर पंचायत
  • 27 जिला पंचायत
  • 146 जनपद पंचायत

अब रिसर्च बेस आएगी रिपार्ट
स्थानीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के अध्ययन एवं अनुसंधान के क्षेत्र में काम रहे प्राध्यापकों से आर्थिक रिपोर्ट बेहतर मिलेगी। साथ ही यह आयोग की रिपोर्ट को स्थानीयता एवं व्यापकता देगा।
-सरजियस मिंज, अध्यक्ष, राज्य वित्त आयोग एवं पूर्व एसीएस

अब तक क्या
अब तक आयोग सर्वे एनजीओ से कराता था। बताते हैं कि वे पैसा भी काफी लेते थे। एनजीओ चुनिंदा निकायों-पंचायतों में रैंडम सर्वे करते थे। जिस वजह से कई बार मूल समस्याएं समग्र रूप में सामने ही नहीं आ पाती थी।

खराब है माली हालत
वर्तमान में ज्यादातर पंचायतों और निकायों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वे टैक्स तक नहीं ले पा रहे हैं। सरकार ही उन्हें जो देती है उससे काम चलता है। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा नगर निगम की स्थिति ठीक है। अफसरों के मुताबिक सरकार मदद न करे तो कई पंचायतों व निकायों में काम ही न हो।

इन विषयों पर होगा अध्ययन

  • नगरीय स्थानीय निकायों के आय-व्यय का विश्लेषण एवं जनता की संतुष्टि का अध्ययन : डाॅ रविन्द्र ब्रम्हे, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र, रविशंकर विश्वविद्यालय
  • राज्य के ग्राम पंचायतों के स्वयं के कर राजस्व को बढ़ाए जाने अध्ययन: डाॅ विनोद कुमार जोशी, सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र, डाॅ. राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर
  • राजनांदगांव व बस्तर जिले की ग्राम पंचायत की सेवा स्तर पर बेंचमार्किंग : रागिनी, सहायक प्राध्यापक वाणिज्य संकाय शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय

ये फायदे होंगे

  • रिपोर्ट के लिए नए -नए इनपुट
  • डाटा में वास्तविकता
  • एकेडमिक पर्सन से जानकारी
  • पंचायतों के बैंच मार्क होंगे तय
  • समस्याओं की जानकारी
सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                         

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