• May 17, 2024 3:47 am

गहलोत सरकार की पुरानी पेंशन योजना को लग सकता है झटका! जानें निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?

20 फ़रवरी 2023 | राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बड़ा झटका लग सकता है. गहलोत सरकार की ओर से पिछले बजट में की गई पुरानी पेंशन योजना देशभर में चर्चा का विषय का बनी हुई है. लेकिन ​केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने न्यू पेंशन योजना के केन्द्र के पास जमा 45 हजार करोड़ रुपये को जारी करने से साफ मना कर दिया है. केन्द्रीय वित्त मंत्री ने जयपुर प्रवास के दौरान कहा है कि पेंशन नियमों और शर्तों के अनुसार कर्मचारियों का पैसा वापिस नहीं दिया जाएगा. केन्द्रीय वित्त मंत्री के इस बयान के बाद राजस्थान सरकार को न्यू पेंशन स्कीम्स का केंद्र के ट्रस्ट में जमा 45 हजार करोड़ रुपए नहीं मिलेगा.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनपीएस का पैसा राज्य सरकारों को देने से साफ इनकार कर दिया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कोई राज्य अगर किसी कारण से यह डिसीजन लेता है कि एनपीएस का फंड है वो इकट्ठा दे देना चाहिए तो वह नहीं मिलेगा. इसके लिए नो है. वह कर्मचारी का पैसा है. कर्मचारी जमा पैसे पर ब्याज कमा रहा है. वह पैसा रिटायरमेंट के समय ही कर्मचारी के हाथ में आएगा. इकट्ठा पैसा राज्य सरकार के हाथ नहीं आएगा. यह असंभव है. जब सही समय आएगा तब यह पैसा कर्मचारी को दिया जाएगा. राज्य सरकारों की ओर से कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के सवाल पर जवाब देते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने ये बात कही

एनपीएस का पैसा कर्मचारी और ट्रस्ट के बीच समझौता है
केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव विवेक जोशी ने कहा कि ओपीएस अनफंडेड स्कीम है. सरकार अपनी देनदारियों के भार को आगे के लिए टाल रही हैं. यह दूसरी सरकारों पर भार टालने की प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि आज जो कर्मचारी काम कर रहे हैं उनकी पेंशन का भार अगली जनरेशन पर पड़ेगा. इस भार को भविष्य के लिए शिफ्ट किया जा रहा है. केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथ ने क​हा कि ओपीएस लागू करने के बाद राज्य एनपीएस मद का पैसा वापस मांग रहे हैं. वह पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं दिया जा सकता. सरकारों को वो पैसा वापस नहीं मिलेगा. एनपीएस का पैसा कर्मचारी और ट्रस्ट के बीच समझौता है.

फ्री स्कीम्स के लिए राज्य सरकार खुद पैसा जुटाए
राज्यों में फ्री बिजली और फ्री पानी जैसी सरकारी ऑफर वाली स्कीम्स पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी की वित्तीय हालात ठीक होने पर ही ऐसी स्कीम चलाएं. सरकारों के पास खुद का पैसा पास होने पर ही मुफ्त योजनाओं का प्रावधान बजट में करें. वित्त मंत्री ने साफ कहा है की यदि राज्य के वित्तीय हालात ठीक नहीं है तो फिर बजट में भी फ्री स्कीम्स के ऑफर का प्रावधान नहीं करना चाहिए. फ्री स्कीम्स का ऑफर जारी कर उसे पूरा करने के लिए राज्यों द्वारा कर्ज लिया जा रहा है. यह ठीक नहीं है. सीतारमण ने कहा कि ऐसी स्कीम्स लाने के लिए राज्य अपने संसाधनों से ही पैसा जुटाएं. टैक्स से कमाएं. फ्री स्कीम्स के लिए राज्य उसका भार किसी और पर डाल रहे हैं यह गलत है.

सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”   

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