29 जनवरी 2024
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की सुरक्षा के लिए कई हाईटेक उपाय किए जा रहे हैं. इनमें से एक है AI कैमरों का इस्तेमाल. मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार पर AI कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे भक्तों और पर्यटकों की पहचान और निगरानी करेंगे.
इन कैमरों की मदद से राम मंदिर में भीड़ को भी कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. साथ ही AI कैमरा सदिंग्ध गतिविधी को भी ट्रैक करने में मददगार साबित होंगे, जिससे राम मंदिर की सुरक्षा और भी पुख्ता होगी. श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने इन कैमरों को इस्टॉल करने की जिम्मेदारी L&T को दी है.
AI कैमरे कैसे काम करते हैं?
AI कैमरे में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉफ्टवेयर होता है. यह सॉफ्टवेयर कैमरे के द्वारा ली गई तस्वीरों और वीडियो को समझने और उनमें से महत्वपूर्ण जानकारी निकालने में सक्षम होता है. राम मंदिर में लगने वाले AI कैमरे भक्तों और पर्यटकों की पहचान करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का इस्तेमाल करेंगे. यह तकनीक चेहरे की विशेषताओं को पहचानने में सक्षम है. कैमरा भक्तों के चेहरे की तस्वीर लेगा और उसे अपने डेटाबेस में मौजूद तस्वीरों से मिलान करेगा. अगर भक्त का चेहरा डेटाबेस में मौजूद है, तो कैमरा उसकी पहचान कर लेगा.
संदिग्ध गतिविधि पर बजेगा अलार्म
AI कैमरे भक्तों और पर्यटकों की निगरानी भी करेंगे. यह कैमरे भक्तों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे और अगर कोई संदिग्ध गतिविधि होती है, तो कैमरा अलार्म बजाएगा. राम मंदिर में AI कैमरों के इस्तेमाल से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. भक्तों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में यह कैमरे कारगर साबित होंगे.
राम मंदिर में AI कैमरों के इस्तेमाल के कुछ फायदे
- भक्तों और पर्यटकों की पहचान और निगरानी करना आसान हो जाएगा.
- संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाना आसान हो जाएगा.
- सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
- राम मंदिर में AI कैमरों का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण कदम है. यह कदम मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत बनाने में मदद करेगा.
स्रोत :- " TV9 भारतवर्ष "