• April 28, 2024 7:08 am

भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड की राह आसान-22 नए कोर्स शुरू किए, अमेरिका में कोर्स के बाद अब 3 साल तक नौकरी ढूंढने की मोहलत

1 फरवरी2022 | भारतीयों के लिए ‘अमेरिकन ड्रीम’ जल्द साकार होगा। बाइडेन सरकार ने विद्यार्थियों, टेक इनोवेटर्स व स्टार्ट अप फाउंडर्स के लिए ग्रीन कार्ड (परमानेंट रेसीडेंसी) की राह और ज्यादा आसान कर दी है। अमेरिका में स्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) के 22 नए कोर्सेस शुरू किए हैं। स्टेम प्रोग्राम में अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद पहले जहां भारतीयों को अमेरिका से जाना पड़ता था वहीं अब उन्हें नौकरी ढूंढ़ने के लिए 3 साल का समय और मिलेगा।

इसे ओपीटी (ऑप्शनल प्रेक्टिकल ट्रेनिंग) का नाम दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाइडेन का भारतीयों पर ये दांव मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन की चुनौती को मात देने के लिए है। अमेरिका में पढ़ने वाले कुल विदेशी विद्यार्थियों में से भारतीय दूसरे स्थान पर हैं। अमेरिका में 2.50 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इस साल इनमें से 1. 20 लाख ने ओपीटी के तहत आवेदन किया है। ये संख्या अब तक की सबसे ज्यादा है। स्टार्ट अप के लिए अलग गैर अप्रवासी डब्ल्यू वीसा श्रेणी भी बनाई गई है।

इसके तहत जॉब क्रिएशन के अच्छे ट्रेक रिकॉर्ड वाले इमिग्रेंट आन्त्रपन्योर काे डब्ल्यू-1 वीसा और ऐसे स्टार्ट अप के कर्मचारियों के लिए डब्ल्यू-2 वीसा का प्रावधान किया गया है। ट्रम्प सरकार के दौरान भारतीयों को ग्रीन कार्ड और वीसा मिलना काफी मुश्किल होता था, लेकिन बाइडेन सरकार ने योग्यता प्राप्त भारतीयों के लिए वीसा लिमिट ही खत्म कर दी है। अमेरिकी यूनिवर्सिटी अथवा समकक्ष भारतीय यूनिवर्सिटी से स्टेम प्रोग्राम में डॉक्टरेट पाने वाले योग्य भारतीयों को आसानी से वीसा मिल सकेगा।

स्टेम के नए कोर्सेस में क्लाउड कंप्यूटिंग और बायो इंजीनियरिंग भी
स्टेम के 22 फील्ड ऑफ स्टडीज में बायो इंजीनियरिंग, ह्यूमन टेक्नोलॉजी डिजाइन, जियोग्राफी-एनवायरोमेंट स्टडी, मैथमैटिकल इकोनॉमिक्स, मैथामैटिक्स एंड ओशिएनिक साइंस, एंथ्रोजूलॉजी, क्लाइमेंट साइंस, अर्थ साइंस, इकोनॉमिक्स एंड कंप्यूटर साइंस, एनवायरोमेंट जीओ साइंस, जियोबायोलॉजी, डेटा साइंस, बिजनेस एनालिटिक्स, डेटा विजुएलाइजेशन, फाइनेंशियल एनालिटिक्स, डेटा एनालिटिक्स, इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी, फॉरेस्ट्री, क्लाउड कंप्यूटिंग, सोशल साइंसेस, रिसर्च मैथडोलॉजी और क्वांटिटेटिव मेथड्स हैं।

Source;-“दैनिक भास्कर”

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