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हरभजन का BCCI पर बड़ा आरोप-बोले- बोर्ड में नहीं थी पहचान इसलिए नहीं बन पाया कप्तान, मैं भारत की कप्तानी करने में सक्षम था

ByPrompt Times

Jan 31, 2022 ##bcci

31 जनवरी2022 |   इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद हरभजन सिंह ने BCCI पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। पूर्व ऑफ स्पिनर का ऐसा कहना है कि टीम इंडिया का कप्तान बनने के लिए बोर्ड में सिफारिश की जरूरत पड़ती है। भज्जी ने कहा कि वह बोर्ड में किसी को नहीं जानते थे, शायद इसीलिए कभी टीम के कैप्टन नहीं बनाए गए।

मेरी नहीं थी बोर्ड में पहचान
हरभजन सिंह ने पिछले साल 24 दिसंबर को इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया था। न्यूज 18 के विमल कुमार ने हरभजन सिंह का एक्सक्लूजिव इंटरव्यू लिया जहां भज्जी ने कई सवालों के जवाब दिए।

सवाल– जब से आपने क्रिकेट से संन्यास लिया है, क्या कप्तानी एक ऐसी चीज है, जिसके बारे में आपको हमेशा आश्चर्य होता है कि आप एक बहुत ही सफल करियर में चूक गए? IPL में भी आपकी उम्मीदवारी को कोई गंभीर सपोर्ट नहीं मिला और नेशनल टीम के लिए भी कभी नहीं? मुंबई इंडियंस के लिए चैंपियंस लीग ट्रॉफी की आपकी सफलता के बारे में कोई भी बात नहीं करता है।

जवाब- हां, कोई कभी मेरी कप्तानी के बारे में सवाल नहीं करता। मैं BCCI में किसी ऐसे इंसान को नहीं जानता था, जो कप्तानी को लेकर मेरा नाम आगे रख सके या मेरी बात बढ़ा सके। यदि आप बोर्ड में किसी पावरफुल सदस्य के फेवरेट नहीं है, तो आपको ऐसा सम्मान नहीं मिल सकता, लेकिन हमें अब इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। मुझे पता है कि मैं भारत की कप्तानी करने में सक्षम था, क्योंकि हम बहुत सारे कप्तानों का मार्गदर्शन करते थे। मैं भारत का कप्तान होता या नहीं, कोई बड़ी बात नहीं। अगर मैं अपने देश के लिए कप्तान नहीं बन पाया तो मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे एक खिलाड़ी के रूप में देश की सेवा करने में हमेशा खुशी मिली।

धोनी से नहीं कोई शिकायत, BCCI में चलती है सरकार
इंटरव्यू के दौरान हरभजन सिंह से पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ रिश्ते के बारे में सवाल किया गया। जिस पर भज्जी ने कहा- मुझे धोनी से बिल्कुल भी शिकायत नहीं है। हम तो इतने वर्षों से एक अच्छे दोस्त रहे हैं। मुझे उस समय की BCCI सरकार से शिकायत है। मैं BCCI को सरकार कहता हूं। उस समय के सिलेक्टर्स ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने टीम को एकजुट नहीं होने दिया।

भज्जी ने आगे कहा- मैं केवल यह बताना चाहता था कि 2012 के बाद बहुत सी चीजें बेहतर हो सकती थीं। मेरे अलावा वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, गौतम गंभीर भारतीय टीम के लिए खेलकर संन्यास ले सकते थे, क्योंकि हम सभी IPL में एक्टिव थे। यह समझ से परे ही है कि 2011 की चैंपियन टीम फिर कभी एक साथ नहीं खेली। क्यों उनमें से केवल कुछ ही खिलाड़ी 2015 विश्व कप में खेले, क्यों।

कुंबले के साथ नहीं रहा कोई विवाद
इंटरव्यू के दौरान हरभजन सिंह से एक सवाल किया गया कि, आपके दिनों में, कई बार आपको अनिल कुंबले जैसे महान खिलाड़ी पर तरजीह दी जाती थी और फिर भी हमने इस तरह के संवेदनशील विषय पर आप दोनों के बीच किसी भी तरह के विवाद के बारे में कोई अफवाह या कहानी नहीं सुनी?

इस पर भज्जी ने कहा- अनिल भाई के लिए मेरे मन में बहुत ज्यादा सम्मान है। जहां तक ​​मेरी क्रिकेट की जानकारी है, उनसे बड़ा मैच विनर कोई नहीं हुआ। उनके साथ खेलना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है। हां, कई मौकों पर मुझे उनके ऊपर प्लेइंग XI में चुना गया था, जैसा कि 2003 वर्ल्ड कप के दौरान हुआ था, लेकिन मैंने उन्हें कभी इसको लेकर परेशान नहीं देखा।

सवाल– लेकिन, क्या इससे आपको कभी किसी अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा, जब कप्तानों ने आपको उन पर तरजीह दी?

जवाब– नहीं, यह मेरे लिए नया नहीं था। जब भी मुझे खेलने का मौका मिलता मेरा इरादा हमेशा अपने कप्तान या अपनी टीम को निराश नहीं करने का होता। इतना कहने के बाद, मैं कभी भी कुंबले की परछाई जितना अच्छा नहीं हो सकता। मैंने जो कोशिश की वह अपनी एक छोटी सी छाप छोड़ने की थी।

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से मिली तारीफ
सवाल
– भले ही आपको कप्तानी न मिली हो, लेकिन आपने अपने दौर के कुछ टॉप ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की तरह अपने कुछ कट्टर प्रतिद्वंद्वियों से बहुत सम्मान कमाया। खासतौर पर, रिकी पोंटिंग जैसा कोई खिलाड़ी, जिन्होंने ऑन रिकॉर्ड कहा कि आप उनके लिए सबसे कठिन गेंदबाज थे, आपका सामना करना मुश्किल होता है।

जवाब– पोंटिंग, मैथ्यू हेडन बड़े खिलाड़ी हैं और जब वे आपके खेल के बारे में कुछ कहते हैं, तो अच्छा लगता है। वे ऐसे ही आपकी तारीफ तो नहीं करेंगे। मैंने एक खिलाड़ी के तौर पर कुछ खास किया होगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम हमारी पीढ़ी की बॉस टीम हुआ करती थी और सर्वश्रेष्ठ के खिलाफ खुद को चुनौती देना और परखना हमेशा अच्छा होता था।

2011 में हरभजन सिंह की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने चैंपियंस लीग जीती थी।

2011 में हरभजन सिंह की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने चैंपियंस लीग जीती थी।

हरभजन की कप्तानी में मुंबई ने जीता पहला खिताब
हरभजन सिंह को भले ही भारतीय टीम का कप्तान न बनाया गया हो, लेकिन वह IPL फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस के कप्तान रहे। साल 2011 मुंबई ने उन्हीं की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को हराकर चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट पर कब्जा जमाया था। IPL में भज्जी ने 20 मैचों में कप्तानी की, इसमें उन्होंने 10 मुकाबले जीते और 10 में टीम को हार का सामना करना पड़ा।

भारत के लिए 103 टेस्ट मैच खेल चुके हैं भज्जी
भज्जी निकनेम से मशहूर हरभजन सिंह ने टीम इंडिया के लिए 103 टेस्ट मैच खेले हैं। उनके नाम 417 विकेट दर्ज है। वनडे में उन्होंने 236 मैचों में 269 विकेट लिए हैं। टी-20 में भज्जी ने भारत के लिए 28 मुकाबले खेले हैं। इनमें उन्होंने 25 विकेट झटके हैं।

Source;-“दैनिक भास्कर”

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