हरियाणा सरकार अनलॉक-5 में 15 अक्टूबर से छठी से बारहवीं तक के स्कूलों को खोलेगी। नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल सरकार ने पहले खोले थे, लेकिन पढ़ाई के बजाय विद्यार्थियों को सिर्फ परामर्श के लिए ही अभिभावकों की मंजूरी मिलने पर बुलाया गया। अब छठी से आठवीं तक के स्कूलों को भी खोला जाएगा।
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छठी से आठवीं तक की कक्षाएं चलाने पर भी विचार किया जा रहा है। पहले 9वीं से 12वीं की कक्षाएं शुरू की गई थीं। उसके बाद छोटी कक्षाएं शुरू करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते पाठ्यक्रम में भी आवश्यकतानुसार कमी की गई है।
सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों के अनुसार कक्षाएं शुरू करने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए अभिभावकों की अनुमति लेनी होगी। पढ़ाई शुरू करने से पहले सोशल डिस्टेंसिंग अनुसार कक्षाएं लगाने का शेड्यूल तैयार किया जाएगा। विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अभी पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं शुरू नहीं की जाएंगी।
कंवरपाल ने पत्रकार वार्ता में नए कृषि कानूनों की खूबियां बताने के साथ ही राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों से कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों में बेचैनी पैदा हो गई है। किसान हित के इन कानूनों से उनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है और वे किसानों को बरगलाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
कांग्रेस को इस बात की परेशानी है कि किस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में दोबारा सत्ता में आ गई। कांग्रेस को भविष्य में भी सत्ता दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की हरियाणा में यात्रा के दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला व किरण चौधरी के बीच ट्रैक्टर चलाने की होड़ देखने को मिली।
कंवरपाल ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य भी जारी रहेगा और मंडियां भी बनी रहेंगी। वे स्वयं यमुनानगर जिले से आते हैं, जिसकी सीमाएं उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों से लगती हैं, अगर वहां का किसान यमुनानगर की मंडियों में अपनी फसल बेचता है तो किसी को क्या आपत्ति है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस व अन्य पार्टियां इस बात की अफवाह फैला रही हैं कि अनुबंध खेती से किसानों की जमीन कंपनियां हथिया लेंगी, ये सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिले में गन्ने की अनुबंध खेती सरस्वती चीनी मिल व अन्य मिलों के साथ सदियों से होती आ रही है। उन्होंने स्वयं भी यह अनुबंध खेती की है और अब भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंडियों से बाहर उपज बेचने का किसान का रिस्क खत्म हुआ है, क्योंकि इन कानूनों से पहले मंडियों से बाहर अपनी उपज बेचने पर कृषि विपणन बोर्ड के कर्मचारी उस पर जुर्माना लगाते थे। अब ऐसा करने पर जुर्माना नहीं लगा सकेंगे। कांग्रेस बताए कि क्या उनके 10 वर्षों के कार्यकाल में बाजरे की सरकारी खरीद की गई थी। क्या इनेलो के इससे पहले के छह वर्षों के कार्यकाल में यह खरीद की गई। क्या पड़ोसी राज्य पंजाब व राजस्थान में यह खरीद हुई। कांग्रेस सिर्फ गलतफहमी फैला रही है। वे किसानों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बहस को तैयार हैं।