• June 30, 2024 9:47 pm

क्या वैज्ञानिकों ने खोज लिया है समय बताने वाला दिमाग का हिस्सा?

25 जुलाई 2023 ! समय के बारे में कई धारणाएं विज्ञान को चुनौती देती हैं. समय को लेकर सापेक्षता तो विज्ञान फंतासी के ज्यादा करीब लगती दिखाई देती है. फिर भी समय के बारे में कई बातों पर विज्ञान भी हैरान करता है, जैसे कि टाइम ट्रैवल विज्ञान फंसासी के साथ ही पूरी तरह से वैज्ञानिक शोध का विषय है. लेकिन क्या समय को लेकर हमारे दिमाग का बर्ताव अलग होता है. नए अध्ययन को लेकर वैज्ञानिकों को लगता है कि उन्होंने दिमाग के उस हिस्से का पता लगा लिया है जिसका समय से संबंध है. चूहों पर हुए एक उत्साजनक नतीजे देने वाले इस शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि दिमाग में समय को समझने का अलग हिस्सा होता है.

यूके के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के साथ पुर्तगाल के चैम्लपैलिमॉड फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए परीक्षण में पाया है कि दिमाग के खोजे गए खास क्षेत्र में गतिविधि या सक्रियता धीमी या तेज करने से जानवरों में समय की समझ में बदलाव आ जाता है. अध्ययन में दिमाग के गहरे हिस्से जिसे स्ट्रेटम कहा जाता है, पर ध्यान केंद्रित किया  गया, जो मोटर और एक्शन प्लानिंग के साथ ही निर्णयन से भी संबंधित हैं.

स्ट्रेटम की तंत्रिकीय गतिविधि में में बदलाव के लिए तापमान में छोटे बदलाव करके देखे गए. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बिहेवियरल इकोलॉजिस्ट टियागो मोंटेरियो ने बताया कि इससे पहले भी पिछले कुछ अध्ययनों में तापमान का जानवरों के बर्ताव में बदलाव लाने के लिए उपयोग किया गया था. जहां दिमाग के एक हिस्से को ठंडा या गर्म करने पर उससे संबंधित गतिविधि की दर में बदलाव देखने को मिला था.

मोंटेरियो ने बताया कि उन्होंने सोचा कि बिना हिस्से के स्वरूप में छेड़छाड़ किए तंत्रिका गतिकी की दर में बदलाव उनके लिए आदर्श रहेगा. इसके लिए शोधकर्ताओं ने चूहों के दिमाग के हिस्से को गर्म या ठंडा करने का फैसला किया. एनेस्थीसिया के प्रभाव में किए गए विश्लेषण ने दर्शाया कि स्ट्रेटम दिमाग की गतिविधि तापमान बढ़ने से बढ़ गई और तपामान कम होने कम हो गई.

जब चूहे चैतन्य अवस्था में तो प्रयोगों के दौरान उन्हीं तापमान बदलाव और दिमाग की गतिविधि समय बदली हुई समझ के साथ दिखई. यानि गर्म तेज स्ट्रेटम का मतलब था समय धीमे बीतता था और धीमे स्ट्रेटम में समय तेजी से बीतता लगता था. लेकि इसका चूहों की बाकी कार्यों या गतिविधियों की दर पर कोई असर नहीं दिखा.

सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”   

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