• May 6, 2024 7:17 pm

सोयाबीन और उड़द की बढ़ी मांग लेकिन किसानों को अब भी नहीं मिल रहा पहले जैसा दाम

26 अक्टूबर 2021 | महाराष्ट्र के अकोला जिले मंडी में इन दिनों उड़द और सोयाबीन की आवक बढ़ गई है. कई राज्यों में उड़द की फसल की कटाई हो चुकी है. कुछ व्यापारियों का कहना हैं त्योहारों के चलते मांग दोनों की मांग बढ़ रही है. आने वाले समय में और भी ज्यादा आवक बढ़ सकती है.जहां कुछ हफ्ते पहले हमने देखा था कि बेमौसम बारिश की वजह से कुछ राज्यों में सोयाबीन और उड़द की खेती करने वाले किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान उठना पड़ा  था. अब दोनों फसलों की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है, लेकिन फिलहाल सोयाबीन का दाम 4000 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर बना हुआ है, जो दो महीने पहले की अपेक्षा आधा है.

राज्य भर में उड़द की मांग काफी बढ़ रही हैं. इस समय अच्छी क्वालिटी के उड़द के दाम देश भर में 8 हजार से 9 हजार रुपये प्रति क्विंटल बताए जा रहे हैं. वहीं अकोला जिले स्थित अलग-अलग मंडी में इसका रेट 5000 से 6,500 रुपये तक है. क्योंकि मंडी में आवक तेज है. हालांकि, रिटेल मार्केट में उड़द 110 रुपये किलो से लेकर 120 रुपये के भाव से मिल रहा है

फसल को हुई थी हानि

अकोला जिले में लगातार भारी बारिश के कारण सोयाबीन के साथ- साथ उड़द की फसल को भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ था. बारिश में जो उड़द की फसल खराब हो गई हैं उसका दाम कम है. तो वही अच्छी क्वालिटी की उड़द का अच्छा दाम मिल रहा है. कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि फसल खराब होने की वजह से कुछ माह बाद किसानों को इसका अच्छा दाम मिलने की उम्मीद है.

क्या इसलिए कम हो गया दाम?

बीच केंद्र सरकार द्वारा 12 लाख मीट्रिक टन सोयामील (सोयाबीन की खली) इंपोर्ट की अनुमति देने को भी सोयाबीन के दाम गिरने की वजह बताई जा रही है. किसान नेता अजित नवले के मुताबिक सोयामील आयात के फैसले की वजह से नई फसल का भाव नहीं मिल रहा है. जब अपने देश में पर्याप्त उत्पादन है तो किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए क्यों उसका इंपोर्ट किया गया. अब हालात देखकर ऐसा लग रहा है कि इस साल सोयाबीन का दाम तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल तक गिर जाएगा. जबकि इस आयात से पहले सोयाबीन का रेट 10000 रुपये प्रति क्विंटल था. इस वक्त सोयाबीन का एमएसपी 3950 रुपये प्रति क्विंटल है.

सोयामील इंपोर्ट के फैसले के खिलाफ 26 अगस्त को ही महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि इंपोर्ट के फैसले से किसानों में भारी रोष है. इस फैसले के बाद सोयाबीन की कीमतों (Soybean Price) में 2000 से 2500 प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ गई है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है.

Source :- टीवी9 भारतवर्ष

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