• May 14, 2024 9:19 am

इतना भी आसान नहीं राज्य का नाम बदलना, जानिए केरल को केरलम बनने में कितने पेच?

अगस्त 11 2023 ! केरल का नाम बदलकर केरलम करने की तैयारी चल रही है. केरल सरकार ने राज्य का नाम बदलने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया. प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव केंद्र को भेजा है. अब पूरा मामला केंद्र के पाले है. अगर केंद्र राज्य की मांग पर मुहर लगाता है तो यह देश का तीसरा राज्य होगा, जिसका नाम बदलेगा. इससे पहले उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड हुआ और 2011 में उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया था.

संवैधानिक तौर पर देखें तो केरल को केरलम में बदलने की प्रक्रिया इतनी भी आसान नहीं है. यह एक लम्बी प्रक्रिया है. जानिए क्या होती है किसी राज्य के नाम बदलने की प्रक्रिया.

संवैधानिक तौर पर देश की संसद को किसी भी राज्य का नाम बदलने का अधिकार है. भारत का संविधान अनुच्छेद 3 संसद को किसी भी राज्य का नाम बदलने की शक्ति देता है. अनुच्छेद 3 स्पष्ट रूप से किसी राज्य के क्षेत्र, सीमाओं या नाम को बदलने की प्रक्रिया निर्धारित करता है. अब इसकी पूरी प्रक्रिया को समझते हैं.

किसी भी राज्य का नाम बदलते की प्रक्रिया विधानसभा या संसद से शुरू होती है. इसे केरल के उदाहरण से समझते हैं. राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सरकार ने केरल का नाम बदलने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है. अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा गया है. केंद्र अब तय करेगी कि इसे मंजूरी देनी है या नहीं. केंद्र के निर्देश के पर गृह मंत्रालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो, भारतीय सर्वेक्षण, डाक विभाग और रजिस्ट्रार जनरल समेत कई एजेंसियों से एनओसी मिलनी अनिवार्य होगी.

रिपोर्ट के आधार पर केंद्र तय करती है कि मंजूरी दी जाए या नहीं. मंजूरी न देने पर प्रक्रिया यहीं रुक जाती है. अगर केंद्र सरकार नाम बदलने पर मुहर लगाती है तो प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है. इसके लिए सरकार को दोनों सदनों में बिल पास कराना होगा. संसद में बिल पास होने के बाद, अंतिम मुहर लगने के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के साइन होने के बाद राज्य का नाम बदलने का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में कई महीने या साल भी लग सकते हैं.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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