तमिलनाडु के वेल्लोर में जेल के डीआईजी आर राजलक्ष्मी समेत 14 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि ये अधिकारी कैदियों से अपने घरों का काम कराते थे और उन्हें गैर कानूनी ढंग से जेल से बाहर भेजते थे। मद्रास हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर के आदेश दिए हैं।
तमिलनाडु के वेल्लोर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां जेल के डीआईजी आर राजलक्ष्मी समेत 14 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की गई है। आप सोच रहे हैं कि अफसरों पर एफआईआर हैरान कर देने वाला क्या है? मामला यह है कि यह पुलिस की टॉप अफसर जेल में बंद कैदियों से अपने घरों का काम कराती थी। इतना ही नहीं आरोप है कि कैदियों को अफसरों के घर काम करने के लिए फोर्स किया जाता है। उन्हें गैर कानूनी ढंग से अफसरों के घर भेजा जाता था, जबकि कागजों पर वे जेल के अंदर ही दिखाए जाते थे।
मामला तब सामने आया जब मद्रास हाई कोर्ट को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस शोषण के बारे में जानकारी दी। एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें कैदियों पर दबाव डालकर उन्हें अफसरों के घर काम कराने की रिपोर्ट दी गई।
इन धाराओं में केस दर्ज
हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर के आदेश दिए। सीबी-सीआईडी ने राजलक्ष्मी, उनके निजी सुरक्षा अधिकारी राजू, जेल के अतिरिक्त अधीक्षक ए अब्दुल रहमान, जेलर अरुल कुमारन और दस कॉन्स्टेबलों पर धारा 49 (उकसाने), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 118(2) (गंभीर चोट पहुंचाना), 127(8) (गलत तरीके से बंधक बनाना) और बीएनएस की धारा 146 (अवैध जबरन श्रम) के तहत मामला दर्ज किया है।
हाई कोर्ट ने दिए थे एफआईआर के आदेश
वेल्लोर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) जी राधाकृष्णन ने इस मामले की जांच की थी। उन्होंने हाई कोर्ट को यह रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद गुरुवार को न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति वी शिवगनम की हाई कोर्ट पीठ ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
चोरी का आरोप लगाकर पिटाई
रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे हत्या के दोषी एस शिवकुमार के लगाए गए आरोपों की जांच की आवश्यकता है। शिवकुमार की मां ने भी अदालत का रुख किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि घर के काम करने के अलावा, जेल अधिकारियों ने शिवकुमार पर डीआईजी के घर से 4.5 लाख रुपये नकद और अन्य कीमती सामान चोरी करने का आरोप लगाकर कथित तौर पर उसकी पिटाई की थी। उसे प्रताड़ित किया।
अकेले सेल में बंद करके तीन महीने रखा
शिवकुमार को कथित तौर पर तीन महीने से अधिक समय तक एकांत कारावास में भी रखा गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर उसे सलेम सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
डीजी जेल पर होगा बड़ा एक्शन!
हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाई और तमिलनाडु के डीजी (जेल) को अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि यह न केवल जेल मैनुअल के उल्लंघन का मामला है, बल्कि दोषी कैदी के उत्पीड़न/यातना का मामला है। उन्होंने (जेल अधिकारियों ने) न केवल सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है, बल्कि अपराधों में लिप्त हैं।
SOURCE – NBT