• May 7, 2024 1:21 pm

कुंदन शास्त्री बोले- तीन पीढ़ियों के 55 वर्षों के शांतिपूर्वक संघर्ष के बाद सुखद परिणाम

15  सितंबर 2022 | देश के इतिहास में एक नई संघर्ष की गाथा लिखी गई। पिछले 55 वर्षों से गिरिपार का हाटी समुदाय शांतिपूर्वक संघर्ष कर रहा था। तीन पीढ़ियों से संघर्ष जारी था, लेकिन शिमला से दिल्ली तक इस मुद्दे की नैया का खेवनहार नहीं मिल पा रहा था। विगत पांच मार्च 2022 को केंद्रीय हाटी समिति की अहम बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हुई। इस बैठक में जायज मांग को सिरे तक चढ़ने की पूरी उम्मीद जग गई थी।  यह बैठक इस मुद्दे के लंबे सफर को मंजिल तक पहुंचाने की दशा और दिशा बदलने वाली साबित हुई। केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में यह बाद कही।

शास्त्री ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर लंबा संघर्ष रहा है। कई प्रोत्साहित करने वाले मिले तो कुछ हतोत्साहित भी करते रहे, पर संघर्ष जारी रहा। संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के बीच सबसे अहम कड़ी रहे पूर्व विधायक बलदेव तोमर का पूरा सहयोग मिला। इनके सहयोग से पांच मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ शिमला में बैठक में केंद्रीय समिति पूरे विस्तार से बात रख सकी। फिर 14 अप्रैल 2022 को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष मुख्यमंत्री ने बेहतरीन तरीके से तीन लाख हाटियों की मांग को रखने में सफल रहे।

हाटी की दशकों से चली आ रही लड़ाई में ये दोनों ही बैठकें टर्निंग प्वाइंट और सार्थक परिणाम देने में बेहद अहम रहीं। दशकों के लंबी प्रतीक्षा और उत्सुकता के बाद गिरिपार क्षेत्र की मूल निवासी 14 उपजातियों के हाटी समुदाय को जनजाति का सांविधानिक अधिकार मिला है। आशा के अनुरूप 14 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में विशेष प्रस्ताव पारित करके स्वीकृति मिल गई है। इस महान उपलब्धि के लिए हमारे गिरिपार क्षेत्र के सभी तीन लाख हाटियों को हार्दिक बधाई एवं मंगल कामना। 55 सालों में तीन पीढ़ियों के इस शांतिपूर्ण लंबे संघर्ष को इतिहास में याद रखा जाएगा।

Source:-“अमर उजाला”   

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