• May 16, 2024 3:28 pm

महिला अस्पताल में कुपोषित बच्चों का होगा इलाज, पोषण पुनर्वास केंद्र की होगी स्थापना

सार

28  दिसंबर 2022 | सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि महिला अस्पताल में एनआरसी के लिए जगह मिल गई है। डॉक्टर की तैनाती भी कर दी गई है। जल्द ही एनआरसी को शुरू किया जाएगा। इसके बाद कुपोषित बच्चों का इलाज हो सकेगा।

विस्तार

महिला अस्पताल में अब कुपोषित बच्चों का भी इलाज होगा। इसके लिए 100 बेड मैटर्निटी विंग में 10 बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) खोला जाएगा। शासन से निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस सुविधा के शुरू होने के बाद शहर के कुपोषित बच्चों को बीआरडी नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एकमात्र पोषण पुनर्वास केंद्र है।

जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए एक एमबीबीएस डॉक्टर समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती भी कर दी है। एनआरसी में कुपोषित बच्चों का इलाज होगा। उन्हें दवाओं के साथ पोषक आहार भी दिए जाएंगे।

बच्चों के साथ एक तीमारदार भी रहेगा। उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी एनआरसी करेगी। कुपोषित बच्चों को बेहतर आहार देने के लिए डॉक्टर तीमारदारों की काउंसिलिंग भी करेंगे, जिससे की वह घर जाएं तो बच्चों को पूरक आहार दे सकें।

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि महिला अस्पताल में एनआरसी के लिए जगह मिल गई है। डॉक्टर की तैनाती भी कर दी गई है। जल्द ही एनआरसी को शुरू किया जाएगा। इसके बाद कुपोषित बच्चों का इलाज हो सकेगा।

 

पूर्वांचल में फाइलेरिया, कालाजार और इंसेफेलाइटिस के मरीज अधिक

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शुक्रवार को फाइलेरिया, कालाजार, इंसेफेलाइटिस सहित अन्य संक्रामक बीमारियों पर कार्यशाला का आयोजन कर इन बीमारियों से बचाव और उसके इलाज पर मंथन किया गया।

एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने बताया कि फाइलेरिया, कालाजार और इंसेफेलाइटिस गंभीर बीमारी है। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इन बीमारियों में तेज बुखार के साथ मानसिक स्थिति में परिवर्तन हो जाता है, जो मरीजों के लिए काफी दुखदाई होता है। कई बार यह बीमारी जानलेवा होती है। फाइलेरिया में पुरुष और महिलाएं दोनों के अंगों में सूजन हो जाती है।

सामुदायिक चिकित्सा व परिवार चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ हरी शंकर जोशी ने बताया कि इन बीमारियों से घबराने की जरूरत नहीं है। कार्यशाला को डॉ. महिमा मित्तल, डॉ. मनोज सौरभ, डॉ. हीरा भल्ला, डॉ. तेजस पटेल, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. अलका त्रिपाठी, डॉ. विकास श्रीवास्तव, डॉ. अमित रंजन, डॉ. दिव्या सिंह, डॉ. इंदु सक्सेना ने भी संबोधित किया।

इस मौके पर डॉ. प्रभात, डॉ. वेंकटेश, डॉ. बशर, डॉ. कोमल मोरे, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणुका मौजूद रहीं। संचालन डॉ. आनंद मोहन दीक्षित और डॉ. प्रदीप खरया ने किया।

सोर्स :-“अमर उजाला ”                                                 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *