28-जुलाई-2021 | संसद से लेकर देश भर में मचे हंगामे के बाद पंजाब में भी पहली बार पेगासस जासूसी की जांच की मांग उठी है। कांग्रेस के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने बंगाल की तर्ज पर जांच आयोग गठित करने की बात कहकर उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ट्विटर पर पंजाब सरकार व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को टैग करते हुए सांसद तिवारी ने कहा कि पंजाब बॉर्डर स्टेट है। इस सॉफ्टवेयर को डेवलप करने वाले एनएसओ ग्रुप ने इसे पाकिस्तान व उनकी खुफिया एजेंसी ISI को बेच रहा था। ऐसे में यह संभव है कि ISI ने इसे पंजाब सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों की जासूसी के लिए इस्तेमाल किया हो। फिलहाल इसको लेकर पंजाब सरकार या मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि नवजोत सिद्धू व उनके समर्थक मंत्रियों-विधायकों के लगातार आरोपों के बाद अब सांसद ने भी उन पर इस मुद्दे दबाव डाला है।
बंगाल का उदाहरण दे याद दिलाया राज्य का अधिकार
सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट के साथ जिस खबर को शेयर किया है, उसके जरिए पंजाब की कैप्टन सरकार को इस मामले में राज्य के अधिकार क्षेत्र की याद दिलाई है। इसके मुताबिक पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मोहन बी लोकुर व कलकत्ता हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य का 2 मेंबरी पैनल बनाया है। ममता बनर्जी ने यह कदम कमीशंस ऑफ इन्क्वायरी एक्ट 1952 के तहत उठाया है।
कांग्रेसी ही बढ़ा रहे कैप्टन की मुश्किलें
पंजाब में विरोधी दलों से अधिक कांग्रेस के नेता ही अपनी सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पहले पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू आरोप लगाते रहे। फिर उनके विधायक व मंत्री भी मुखर हो गए। अब सांसद ने भी कैप्टन पर पेगासस जासूसी कांड की जांच का दबाव बनाया है। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे ताल्लुकात बताए जाते हैं। अक्सर विरोधी इसी बात को लेकर उन्हें घेरते रहे हैं। ऐसे में पेगासस जासूसी की जांच के आदेश देने से सीधे केंद्र की मोदी सरकार से टकराव होगा।
Source;-“दैनिक भास्कर”