25 मार्च 2023 | पाकिस्तान में 23 मार्च को राष्ट्रीय दिवस इस बार भी मनाया गया. पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था. उस दिन वहां दोपहर में मोहम्मद अली जिन्ना ने आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन की मौजूदगी में आजादी की औपचारिकता पूरी की थीं. पहली बार देश का झंडा फहरा था. 14 अगस्त को आजादी के दिन के रूप में मनाने वाले पाकिस्तान में 23 मार्च को क्या हुआ था? क्यों पाकिस्तान में इस दिन को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत और पाकिस्तान दोनो के पास एक ही तरह की राजनीतिक विरासत थी. दोनो ने ब्रिटेन की संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया था. पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी नेहरू की तरह अपने सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का सपना देखा था.
आजादी के बाद भारत ने अपना पूरा ध्यान बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने में लगाया. लोकतांत्रिक संस्थाओं का गठन हुआ, उन्हे मजबूत किया गया. लेकिन पाकिस्तान आज़ाद होते ही अपने अंतर्विरोधो में फंसता चला गया. 1950 में लिखित संविधान अपनाकर भारत एक गणराज्य बन गया.
पाकिस्तान बनने (1947 में) के नौ साल बाद वहां पहला संविधान 23 मार्च, 1956 को लागू किया गया था. 23 मार्च 1956 को पाकिस्तान ने पहले संविधान को अपनाया गया था. इसलिए पाकिस्तान के पहले संविधान के पारित होने के उपलक्ष्य में वहां हर साल 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के रूप में मनाया जाता है. हालांकि ये बात अलग है कि पाकिस्तान इसके बाद समूचे तौर पर दो बार अपने संविधान को बदल चुका है.
23 मार्च को ही आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को एक इस्लामी गणराज्य भी घोषित किया गया था. हालांकि पाकिस्तान के संविधान में फेरबदल होता रहा. पाकिस्तान का लोकतंत्र हमेशा से सैन्य तख्तापलट और आतंकवाद के खतरे के बीच घिरा रहा. 1956 में पहला संविधान लागू होने के बाद वहां 1958 में सैन्य राज आ गया. इसके बाद 1962 में समूचे संविधान को फिर बदला गया.
सैन्य तख्तापलट और आतंकवाद के खतरे के चलते पाकिस्तान के संविधान में फेरबदल होता रहा. 1973 में तीसरी बार संविधान में रद्दोबदल करके लागू किया गया लेकिन चूंकि पहली बार पाकिस्तान ने खुद 23 मार्च 1956 को गणराज्य घोषित किया था लिहाजा हर 23 मार्च को ही नेशनल डे मनाया जाता है.
कह सकते हैं, पाकिस्तान को अपना संविधान बनाने में 26 साल (1947 के बाद) लगे. वह भी पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाया. 75 साल की आजादी में वहां लगातार अस्थिर सरकारें रही हैं. 04 सैन्य तख्तापलट किया जा चुका है और सेना के जनरल ने देश की सत्ता को संभाला है. दिनों दिन सेना वहां मजबूत होती चली गई. अब कोई भी सरकार सेना के रहमोकरम के बगैर टिक ही नहीं सकती.
सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”