- विजिलेंस की जांच में खुलासा, तीनों कोचों में 32.52 टन अतिरिक्त लोड मिला
16-जुलाई-2021 | कोरोना महामारी और लाॅकडाउन के दाैरान ट्रेनों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह तक पार्सल पहुंचाने के लिए जनरल कोच को स्पेशल पार्सल काेच के रूप में इस्तेमाल की अनुमति दी गई थी। इन ट्रेनों के पार्सल कोच में 10 टन पार्सल लोडिंग की बोर्ड द्वारा अनुमति दी गई थी। लेकिन इन नियमों काे दरकिनार कर उनमें जरूरत से ज्यादा सामानों का ढुलाई किया जाने लगा।
नतीजा यह हुआ कि ओवरलोडिंग के चलते बफर हाइट डैमेज होने लगी। इससे ट्रेनों के परिचालन में सुरक्षा से संबंधित समस्या आने लगी जाेकि रेलवे के लिए चिंता का विषय बन गई। इस पर विजिलेंस टीम ने जांच की तो पता चला कि ज्यादा ओवरलोडिंग से ट्रेनों में यह समस्या आ रही है। गौरतलब है कि पोरबंदर-हावड़ा जाने वाली ट्रेन के तीन पार्सल कोच इसी तरह से डैमेज मिले हैं। अब इसे सेफ्टी के दृष्टिकोण से हटा दिया गया है।
अब पार्सल कार्यालय पर रखी जा रही नजर
विजिलेंस टीम ने जब सूरत, वडोदरा व अहमदाबाद के पार्सल विभाग से लोडिंग की जानकारी मांगी तो पता चला कि लोडिंग अहमदाबाद मंडल द्वारा की गई थी। जांच के बाद गुरुवार को मंडल के चीफ पार्सल बुकिंग क्लर्क राजेश श्रीमाली, मुकेश पंड्या (चीफ लगेज सुपरवाइजर) को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद पाेरबंदर से रवाना होने वाली सभी ट्रेनों की लोडिंग पर लिमिट तय कर दिया गया। साथ ही पार्सल कार्यालय पर मॉनिटरिंग की जा रही है।
प्राइवेट पार्टी द्वारा की जा रही थी ओवरलोडिंग
विजिलेंस विभाग ने बताया कि पार्सल ट्रेनों में प्राइवेट पार्टी को अपने माल की लोडिंग का जिम्मा दिया जाता है। हालांकि इनकी निगरानी रेलवे पार्सल विभाग की टीम करती है। लेकिन जब इन ट्रेनों में लोडिंग हो रही थी तो इसे लेकर ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि प्राइवेट पार्टी द्वारा ट्रेनों में ओवरलोड किया गया।
Source;-“दैनिक भास्कर“