• May 1, 2024 9:55 pm

असम के राजभवन में चल रही तैयारी, उदयपुर में कौन होगा भाजपा प्रत्याशी

1 मई 2023 ! शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनाए जाने के बाद से ही भाजपा में शहर विधानसभा से चुनाव लड़ने वालों दावेदारों की एक पूरी क्रिकेट टीम बन गई है। ये सभी दावेदार टी-20 मैच की तरह सियासी मैदान में उतार चुके हैं। कोई क्रिकेट की तरह मैदान में फिल्डिंग सजाने में लगा है तो कोई शतरंज की बिसात बिछा रहा है। सच यह है कि कटारिया सियासत में क्रिकेट के तेंदुलकर की तरह तो शतरंज में विश्वनाथ आनंद की तरह हैं।

जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग का मौसम पर असर पड़ रहा है कि गर्मी में बारिश हो रही है और सर्दी में तापमान बढ़ने लगा है, उसी तरह राजस्थान की सियासत भी करवट बदल रही है। जो हालात अब पैदा हो रहे हैं, उससे लगता है कि उदयपुर में चुनाव लड़ने वाले दावेदारों पर पानी फिर सकता है।

असम राजभवन से दूसरी बार अपने विधानसभा क्षेत्र लौटने पर गुलाबचंद कटारिया ने अपने भाषण के जरिये मौसम विशेषज्ञों की तरह ही सियासत का पुर्वानुमान बता दिया है। पहली बार तो उन्होंने संवैधानिक पद की गरीमा को बनाए रखा और राजनीतिक बयानों से बचते रहे, लेकिन दूसरी बार उन्होंने तेवर दिखाते हुए दावेदारों को यह संकेत दिया कि उदयपुर में उनके बिना सियासी पेड़ का पत्ता भी हिलने वाला नहीं है।

अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि राजस्थान में जिस तरह से सियासत करवट बदल रही है, उससे लगता है कि आने वाले समय में भाजपा की सत्ता और संगठन मजबूरी में ही सही कटारिया को फिर चुनावी मैदान में उतार दे। कटारिया के तेवर से इस तरह के संकेत दिखाई दे रहे हैं। खास बात यह है कि इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. मोहनलाल सुखाड़िया भी राज्यपाल बनने के बाद चुनावी सियासत में लौटे थे।

सोर्स :“खास खबर” 

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