• April 30, 2024 10:46 am

घर का बना खाना चाहते थे समीर और कारोबारी, अदालत बोली-नहीं दे सकते

21 अक्टूबर 2022 | शुक्रवार की दोपहर ED ने IAS समीर विश्नोई को कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों में सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट ने समीर की 6 दिन की रिमांड बढ़ाने के आदेश दे दिए हैं। ED की तरफ से दोपहर को कोर्ट में यही मांग की गई थी। कोर्ट में समीर के अलावा दो और कारोबारियों सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को भी पेश किया गया।

इससे पहले कारोबारी सुनील अग्रवाल के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि अफसर की 6 दिन कस्टडी की मांग की गई थी। जिसका हमने विरोध किया है। दिल्ली और मुंबई की अदालतों का उदाहरण देते हुए कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि विश्नोई को फिर से कस्टडी में रखा जाता है तो उन्हें उनके परिजनों से मिलने दिया जाए और घर का खाना खाने दिया जाए। विश्नोई पिछले 8 दिनों से ED की रिमांड में थे। IAS अधिकारी समीर विश्नोई को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में गिरफ्तार किया था। इनके साथ कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को भी पकड़ा गया था।

घर वाले मिल सकेंगे
ED के अधिवक्ता बृजेश मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने हमें 6 दिन की रिमांड दी है। इसके आदेश जारी हुए हैं। तीनों अभियुक्त IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को 27 अक्टूबर तक ED अपनी कस्टडी में रखेगी पूछताछ करेगी। 27 अक्टूबर की दोपहर 2 बजे दोबारा तीनों को पेश किया जाएगा। अफसर और कारोबारियों की तरफ से आए वकीलों ने अदालत से परिजनों को मिलने दिए जाने की मांग की थी। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया। अब तीनों के परिजन शाम को 45 मिनट तक मुलाकात कर पाएंगे।

घर का बना खाना चाहते थे…

घर का खाना दिए जाने की डिमांड भी अफसर और कारोबारियों की तरफ से की गई थी। इसे अदालत ने खारिज कर दिया। पिछली बार पूछताछ में वकीलों को रहने दिए जाने की बात कही गई थी, अब इसे बदला गया है। वकील पूछताछ होते हुए देख सकेंगे। मगर बात-चीत सुन नहीं पाएंगे। हो सकता है विश्नोई और कारोबारियों को इसके लिए किसी कांच से घिरे कमरे में रखा जाए।

लाखों की जमीनें मिलीं
अब तक की पूछताछ में ED को अफसर और कारोबारियों के पास से कुछ जमीनें भी मिली हैं। ये प्रदेश के अलग-अलग जिलों में दूसरों के नामों पर रजिस्टर हैं। ED की तरफ से इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया गया। अफसर विश्नोई और कारोबारियों के पास से मिली चिप और दस्तावेजों में और भी आर्थिक गड़बड़ियों का पता चला है। इसी वजह से अदालत ने ED को और समय दिया है। अब तक ED की तरफ से इस कार्रवाई में 6.5 करोड़ की बरामदगी बताई गई है। इसमें कैश और गोल्ड हैं। सूत्रों के मुताबिक ये आंकड़ा और भी बढ़ेगा।

वकील ने ईडी की कार्रवाई को बताया गलत
विजय अग्रवाल ने दावा किया कि धारा 384 के तहत भी आईएएस विश्नोई पर मामला बनाया गया था। जबकि FIR में धारा 384 का कोई जिक्र नहीं है। इसलिए यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत होगी। FIR को अदालत में पेश किया गया है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि कस्टडी बढ़ाकर समीर विश्नोई से पूछताछ करना चाहते हैं। वकील ने कहा कि लगातार 8 दिनों से काफी पूछताछ हो चुकी है अब क्लाइंट के पास जानकारी देने के लिए और कुछ नहीं है। जांच में पूरा सहयोग किया गया इसलिए अब विश्नोई को जमानत दी जानी चाहिए। वकील ने अफसर घर का बना खाना दिए जाने की डिमांड भी अफसर और कारोबारियों की तरफ से की थी। अदालत ने इसे मंजूर नहीं किया। पूरी मामले की सुनवाई जस्टिस अजय सिंह की कोर्ट में हुई है।

ईडी ने पहले ही 14 दिन की रिमांड मांगी थी

पिछली सुनवाई में रायपुर की अदालत ने 8 दिन की रिमांड मंजूर की थी। हालांकि ईडी की टीम ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी। इन 8 दिनों में ED को कई तरह के सबूत मिले हैं। इसमें कोल अवैध वसूली के भी सबूत शामिल हैं। ED ने कोर्ट में बताया है कि, समीर विश्नोई के घर में 4 किलो सोना और 20 कैरेट हीरा मिला है। इसके साथ 47 लाख रुपए कैश मिला। इन पूरी कार्रवाईयों में कारोबारियों के पास से मिले कुल कैश और गोल्ड को ED ने 6.5 करोड़ का बताया था। 11 अक्टूबर को कई जगहों पर ED ने छापे मारे थे।

‘हमें अफसरों ने धमकाकर साइन करवाए”
IAS समीर विश्नोई की पत्नी ने ED की कार्रवाई को गलत बताकर CM बघेल से शिकायत में कहा था- ED दफ्तर में उनसे जबरन प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेता और कारोबारियों,अधिकारियों का नाम लेने को कहा गया। मेरे पति और मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद ईडी के अधिकारी ऋषि वर्मा ने मुझसे और मेरे पति से कहा कि यदि हमारे अनुसार बताएं बयान नहीं दोगे तो तुम लोग और तुम्हारे परिवार वालों को जिंदगी भर जेल में सड़ा देंगे इससे मैं और मेरे पति डर गए और साइन किए।

विश्नोई को चिप्स से हटाया गया

11 अक्टूबर को हुई कार्रवाई के बाद एक दिन पहले ही सरकार ने विश्नोई को को छत्तीसगढ़ इफोटेक प्रमोशन सोसाइटी(चिप्स) से हटा दिया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 2012 बैच के IAS अधिकारी रितेश कुमार अग्रवाल को चिप्स का मुख्य कार्यपालन अधिकारी-CEO नियुक्त कर दिया था। रितेश छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक हैं। मार्कफेड में भी विश्नोई की जगह नई व्यवस्था की जा रही है।

2009 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई इस साल जनवरी में चिप्स के CEO बनाए गए थे। सितंबर में उन्हें मार्कफेड के प्रबंध संचालक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दे दी गई। केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ED ने 11 अक्टूबर की सुबह प्रदेश भर में छापा डाला था। यह कार्रवाई समीर विश्नोई के घर और दफ्तर पर भी हुई। ईडी ने समीर को कोयला कारोबारियों से मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में गिरफ्तार किया है।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                      

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