31 जनवरी2022 | हरियाणा में सरकार ने 1 फरवरी से 10वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है। बच्चों को स्कूल में आने के लिए माता पिता की सहमति जरूरी है। स्कूलों में अभी भी 5753 शिक्षकों ने कोरोना की पहली डोज नहीं लगाई।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 81 प्रतिशत बच्चों ने कोरोना की पहली डोज लगवा ली है। सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 41311 बच्चों ने डोज लगवाई है और सबसे कम नूंह- मेवात में 16537 बच्चों ने डोज लगवाई है। जिले में 42 प्रतिशत स्कूली बच्चों ने डोज लगवाई है। ओरेंज जोन में हिसार और रोहतक जिले हैं, वहीं नूंह- मेवात रेड जोन में है। 15 से 18 आयु वर्ग में 6 लाख 54 हजार 490 बच्चे हैं। 527529 बच्चों ने वैक्सीन लगा ली है। अभी भी 1 लाख 26 हजार 961 स्कूली बच्चे वैक्सीन से वंचित है।
वैक्सीनेशन करवाने वाले स्कूली टीचरों का डाटा
5753 शिक्षकों ने नहीं ली कोई डोज
प्रदेश के 14160 स्कूलों में करीब 102722 शिक्षक हैं। इनमें से सिर्फ 6888 ने पहली डोज ली है। 90081 शिक्षक दूसरी डोज भी ले चुके हैं। 5753 शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक कोई डोज नहीं ली। प्रदेश के 22 जिलों में से ऐसा कोई भी जिला नहीं है, जहां सभी शिक्षकों को कोरोना वैक्सीन लग गई हो। सबसे ज्यादा झज्जर में 99 प्रतिशत कोरोना वैक्सीन लगी है। इसके बाद करनाल और पंचकूला में 98 प्रतिशत वैक्सीन लग चुकी है। प्रदेश में कैथल, चरखी दादरी, हिसार और नूंह मेवात में सबसे कम वैक्सीन लगी है। ये जिले ओरेंज जोन में है।
स्कूल स्टूडेंट का डाटा।
ये है नियम
जिन विद्यार्थियों ने पहली डोज लगवा ली है, उन्हें स्कूल में आने की अनुमति होगी। विद्यार्थियों के लिए ऑन लाइन शिक्षा भी जारी रखी जाएगी। विद्यार्थी माता- पिता की लिखित अनुमति पर ही विद्यालय में पढ़ने हेतु बुलाए जाएंगे। विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर कोई बाध्यता नहीं रहेगी।
Source;-“दैनिक भास्कर”