• May 6, 2024 5:24 am

कुछ अविष्कार को माना गया चमत्कार, कुछ पर छिड़ा विवाद; दुनिया के 11 इन्वेंशन जो करते हैं आलोचना का सामना

8 मई 2023 ! जब भी किसी नई खोज का जिक्र होता है तो मन और मस्तिष्क में एक बात बिल्कुल साफ हो जाती है कि वह चीज अनोखी ही होगी। भौतिक युग में देश- दुनिया प्रगति कर रहें हैं। बहुत सी चीजें जो आज आम लगती हैं, जब उनका आविष्कार हुआ था तब वह चीजें किसी चमत्कार से कम नहीं थीं‌।

दुनिया भर में कई ऐसी चीजें हैं, जिनका जब आविष्कार हुआ तो वह बेहद लोकप्रिय हुईं, लोगों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा रहा। वहीं, बहुत सी ऐसी चीजों का भी अविष्कार हुआ,‌ जिससे समाज में अशांति फैली और अविष्कार को लेकर आलोचनाएं हुईं।

आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि दुनिया के वह कौन से अविष्कार हैं, जिससे ना आविष्कारक खुश हैं और ना ही लोग। ये वो आविष्कार हैं, जो विवादास्पद रहे हैं या वर्षों से आलोचना का सामना करते रहे हैं।

परमाणु हथियारों के आविष्कार ने युद्ध की दुनियां में क्रांति ला दी। परमाणु बम का आविष्कार अमेरिकी मूल के वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने किया था। ओपेनहाइमर की देख-रेख में पहला एटम बम परीक्षण सोमवार 16 जुलाई 1945 को अमेरिका में किया गया था। इसने विनाशकारी स्थिति की क्षमता पैदा की। यही नहीं इसके अविष्कारक परमाणु बम के निर्माता, जैसे जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर, ने हथियार के उपयोग पर खेद व्यक्त किया है।
 शायद ही कोई होगा जो सिगरेट के बारे में ना जानता हो। सैकड़ों लोग धूम्रपान करते हैं। एक समय इसका व्यापक रूप से विपणन किया जाता था और इसका आनंद लिया जाता था। लेकिन अब धूम्रपान के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों ने उन लोगों के बीच खेद व्यक्त किया है, जिन्होंने इसका आविष्कार किया और इसे बढ़ावा दिया। आपको बता दें कि 20वीं सदी में धूम्रपान की वजह से लगभग दस करोड़ लोगों की जान जान जा चुकी हैं। टोबैको इन हिस्ट्री’ किताब के लेखक जॉर्डन गुडमैन ने ऐसे किसी व्यक्ति विशेष का नाम लेने से बचते हुए कहा है कि “अमरीका के जेम्स बुकानन ड्यूक सिगरेट के आविष्कार के लिए जिम्मेदार थे।
 स्मार्टफोन ने संचार में क्रांति ला दी है और सूचनाओं को पहले से कहीं अधिक सुलभ बना दिया है, लेकिन सामाजिक अलगाव और लत में योगदान के लिए उनकी आलोचना भी की गई है। स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स जैसे स्मार्टफोन के निर्माताओं को अपने उत्पादों के समाज पर प्रभाव के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
 सोर्स :– ” जागरण ”   

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