हिमाचल प्रदेश में सेब बागवानों के बैंक खातों में अब बागवानी दवाओं की सब्सिडी सीधे जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए नई योजना लागू कर दी है। अब बाजार से सीधे खरीदी दवाओं पर उपदान मिलेगा। उद्यान विभाग प्रदेश में सस्ती दवाएं अब खुद नहीं खरीदेगा। बागवान सीधे मार्केट से ही दवाएं खरीद सकेंगे। प्रत्येक बागवान को कुल खरीद मूल्य का 50 फीसदी और प्रति हेक्टेयर चार हजार रुपये का अधिकतम उपदान मिलेगा। आठ हजार से कम खरीद पर भी 50 फीसदी सब्सिडी ही मिलेगी। वरिष्ठ पौध संरक्षण अधिकारी डॉ. तेजराम बुशहरी ने उपदान की इस नई योजना को लागू करने की पुष्टि की है।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में भी कीटनाशकों, फफूंदनाशकों और अन्य दवाओं के मामले में डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम (डीबीटी) से उपदान देने को कहा है। इसी के साथ राज्य में एक अप्रैल से नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। यह उपदान केवल उन्हीं दवाओं पर मिलेगा, जो राज्य बागवानी विभाग के स्प्रे शेड्यूल में हैं। दवाएं खरीदने के बाद बागवानों को अपने-अपने क्षेत्र के बागवानी विकास अधिकारियों और विषयवस्तु विशेषज्ञों के पास खंड कार्यालयों में आवेदन करने होंगे। इसके साथ ही दवाओं के खरीद बिल और उद्यान कार्ड पेश करने होंगे। फिर यह उपदान सीधे बागवानों के खातों में चला जाएगा।
नई योजना लागू होने के बाद बागवानी केंद्रों में नहीं भेजी दवाएं
नई योजना के लागू होने के बाद प्रदेश के बागवानी केंद्रों में इन दिनों उद्यान विभाग ने पर्याप्त दवा आपूर्ति नहीं की है। इससे बागवान नाराज हैं। इनमें मैडेन, मैजेस्टर, बेविस्टीन, डायथीन जैसी दवाएं भी नहीं खरीदी गई हैं। बागवान संजीव चौहान ने बताया कि महासू और थरोला में पांच-पांच लीटर ही दवाएं दी जा रही हैं, जबकि मांग बहुत ज्यादा होती है।