• April 30, 2024 11:12 am

जंग में रूस के छक्के छुड़ाने वाले इस ‘ब्रह्मास्त्र‘ से चीन को डराएगा ताइवान, बड़ी घातक है एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल

07 अप्रैल 2023 |चीन के डराने पर ताइवान भी करारा जवाब देने के लिए तैयार है। हाल के समय में कई मौके ऐसे आए जब चीन ने ताइवान पर लगाम कसने के जतन किए।  पिछले साल अमेरिकी प्रतिनिधि नैंसी पेलोसी ताइवान आई थी। तब भी चीन भड़का था। अब हाल ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका यात्रा की, इस पर भी चीन बुरी तरह भड़क गया है। लेकिन चीन को करारा जवाब देने से ताइवान अब अमेरिका में बनी एफजीएम 148 एंटी टंक गाइडेड मिसाइल का इंतजार कर रहा है। ये वो ही एंटी टैंक मिसाइल है, जिसने रूस और यूक्रेन की जंग में रूसी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। अब इसी हथियार से ताइवान चीन को जरूरत पड़ने पर मजा चखाना चाहता है।

ताइवान को अमेरिका में बनीं एफजीएम-148 जैवलिन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का इंतजार है। यह वही हथियार है जिसने रूस और यूक्रेन की जंग में रूसी सेना के छक्‍के छुड़ा दिए हैं। ताइवान का मकसद इन मिसाइलों की मदद से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बख्तरबंद गाड़‍ियों और सैनिकों ले जानी वाली खास तरह की नावों को निशाना बनाना है। अगस्‍त 2022 से ही चीन और ताइवान के बीच तनाव जारी है।

अमेरिका में ताइवानी राष्‍ट्रपति

ताइवानी राष्ट्रपति ने अमेरिकी स्पीकर से मुलाकात की तो चीन भड़क गया। इससे पहले अमेरिका ने ताइवान को भी चेतावनी दी थी कि वह अमेरिका यात्रा पर जाकर मुलाकात करेंगे, तो इसके नतीजे भुगतने होंगे। चीन ने अपने तीन युद्धपोत भी ताइवान के आसपास तैनात कर दिए।

इसी बीच ताइवान की मीडिया की रिपोर्ट में मिलिट्री सूत्रों हवाले से इस हथियार के बारे में जानकारी दी है। अप्रैल 2022 में, ताइवान के पास लगभग 1,000 ऐसी मिसाइलें थीं और वह अमेरिका से 400 और मिसाइलों के मिलने का इंतजार कर रहा है। माना जा रहा है कि इस साल की दूसरी छमाही और 2024 की शुरुआत में इसकी डिलीवरी शुरू हो जाएगी। ताइवान की सेना को साल 2022 के अंत तक 42 लॉन्चर मिले हैं।

टॉप अटैक मोड में हमला

इन हथियारों की बिक्री सन् 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तरफ से दी गइ मंजूरी के तहत होगी। इस मंजूरी में ताइवान को मिलने वाली टो 2बी-आरएफ वायर-गाइडेड मिसाइल की 1700 यूनिट्स भी शामिल हैं। जेवलिन का वारहेड मॉर्डन टैंकों पर ऊपर से हमला करता है। टैंक के ऊपर सिक्‍योरिटी कवर काफी कमजोर होता है। इसे ‘टॉप अटैक‘ मोड कहा जाता है।

यूक्रेन ने जंग में किया था इसका प्रयोग
बिल्डिंग्‍स और बाकी टारगेट्स को भी इस जैवलिन मिसाइल से निशान बनाया जा सकता है। इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर है और टॉप-अटैक मोड में, यह 150 मीटर (490 फीट) या डायरेक्ट-फायर मोड में 60 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच सकती है। इसमें सटीक हमलों के लिए एक इंफ्रारेड सीकर भी है। जंग में डोनस्‍तेक क्षेत्र में यूक्रेन की 36वीं मरीन इंफेंट्री ब्रिगेड ने रूस के दो टैंकों और एक इंफ्रेंट्री फाइटिंग व्हीकल सहित तीन बख्तरबंद गाड़ियों को इसी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को उड़ा दिया था।

सोर्स :-” इंडिया TV ”              

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