01-जुलाई-2021 | मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती माडल में हिमाचल देशभर के बड़े राज्यों के लिए आदर्श राज्य बन कर उभरा है। नीति आयोग ने भी हिमाचल सरकार के इस दिशा में उठाए गए कदमों को सराहा है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे वर्ष 2022 के अंत तक किसानों की आय को दोगुना करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने में सहायक सिद्ध हो सकेगा। वह कृषि विभाग की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई की ओर से बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित कर रहे थे
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत किए गए पहले बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था। सरकार प्रदेश के सभी 9.61 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रही है। 1.28 लाख किसान पहले से ही प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश में सेब राज्य के रूप में भी जाना जाता है, परंतु सेब उत्पादकों द्वारा रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग ङ्क्षचता का विषय है। सरकार प्राकृतिक उत्पादों के प्रमाणीकरण करने के लिए एक तंत्र विकसित करने का भी प्रयास कर रही है ताकि वे अपने उत्पादों का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सके।
कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्राकृतिक खेती न केवल किसानों के लिए लाभदायक है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करेगा। प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों और उनकी आर्थिकी पर होने वाले प्रभावों के संबंध में भी डाटा तैयार किया जाना चाहिए। पद्मश्री सुभाष पालेकर ने रासायनिक और जैविक खेती की जगह प्राकृतिक खेती करने से होने वाले विभिन्न लाभों के बारे में वर्चुअली माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की। कृषि सचिव डा. अजय शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और वेबिनार की कार्यवाही का संचालन किया। इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा और कार्यकारी निदेशक प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना राजेश्वर ङ्क्षसह चंदेल मुख्यमंत्री के साथ शिमला में उपस्थित थे, जबकि नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डा. नीलम पटेल और राज्य के प्रगतिशील किसान इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
Source : “जागरण”