• May 2, 2024 11:40 pm

इस एक फूल की कीमत 100 रुपए….पहाड़ के किसान इसकी खेती से बन गए हैं मालामाल, जानिए खासियत

14 दिसंबर 2023 ! उत्तराखंड के चमोली जिले में उद्यान विभाग की ओर से संचालित लिली (लीलियम) के फूलों की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. फूलों से अच्छी कमाई होने से किसानों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका एक-एक फूल बाजार में 50 से 100 रुपये तक बिक रहा है.ऐसे में फूलों के बेहतर बाजार को देखते हुए उद्यान विभाग ने जिला योजना मद से 80 फीसदी सब्सिडी पर लीलियम के 25 हजार बल्ब 16 किसानों के 26 पॉलीहाउस में लगवाए हैं. इनसे काश्तकारों ने 23 हजार 500 फूलों की स्टिक बेचकर अच्छी आय प्राप्त की है. ऐसे में अब जिले के अन्य किसान भी लीलियम उत्पाद में दिलचस्पी ले रहे हैं. चमोली में उत्पादित फूलों को बाजार जहां पहली बार उद्यान विभाग ने दिया था, तो वहीं अब किसानों ने विभाग के सहयोग से फूलों के विपणन का चैनल तैयार कर लिया है. किसानों ने बताया कि उनके फूल की मांग गाजीपुर मंडी में बड़े पैमाने पर है. साथ ही अब देहरादून और अन्य जिलों में भी किसानों के उत्पाद बेचने की व्यवस्था की जा रही है.

गोपेश्वर निवासी काश्तकार नीरज भट्ट ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में उन्होंने गोपेश्वर के समीप रौली-ग्वाड़ में 10 नाली भूमि क्रय और 20 नाली भूमि लीज पर लेकर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी से पॉलीहाउस स्थापित किया. वहां उन्होंने 200 कीवी के पौधों का रोपण किया, तो वहीं 400 वर्ग मीटर में लीलियम का उत्पादन शुरु किया. इन फूलों से वर्तमान तक नीरज दो लाख रुपये की कमाई कर चुके हैं.

जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि लीलियम के फूल की बाजार में अच्छी मांग को देखते हुए किसानों को इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं स्थानीय बाजार के साथ ही देहरादून व अन्य स्थानों पर काश्तकारों के उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की जा रही है. लीलियम के उत्पादन के लिए जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड की आबोहवा भी मुफीद है. इसे लेकर काश्तकारों की आय को बढ़ाने के लिए वर्तमान में 16 काश्तकारों के साथ योजना संचालित की जा रही है. इसे भविष्य में बढ़ाया जाएगा.

सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”   

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