• May 2, 2024 12:39 am

रूस के लिए भारत का ये अहम फ़ैसला, क्या होगा असर

13 मई 2023 ! एक तरफ़ जहाँ रूस का अमेरिकी डॉलर में कारोबार निरंतर कम होता जा रहा है, वहीं रूस ने चीन जैसे नए बाज़ारों के साथ उन्हीं की करेंसी में व्यापार करने की शुरुआत कर दी है.

इधर भारत की नेशनल सिक्यूरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के मुताबिक़ रूस की राजधानी मॉस्को में मौजूद तीन संस्थाओं को विदेशी संस्थागत निवेशकों या एफ़पीआई के तौर पर रजिस्टर किया गया है.

एफ़पीआई निवेशक वे होते हैं, जो न तो सीधे स्थानीय कंपनियों के साथ गठजोड़ करते हैं और न ही सीधे तौर पर दूसरे देशों में कारोबार शुरू करते हैं.

सिक्यूरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) की भारत में रजिस्टर्ड एफ़पीआई सूची में दो नई रूसी संस्थाओं और एक कारोबारी का नाम पहली बार आया है, जिससे भविष्य में दूसरे रूसी निवेशकों की भी भारतीय बाज़ारों में दिलचस्पी बढ़ सकेगी.

रूस की अल्फ़ा कैपिटल मैनेजमेंट कंपनी ने एफ़पीआई के दो लाइसेंस लिए हैं, जबकि एक लाइसेंस निजी निवेशक वसेवोलोद रोज़नोव के नाम पर लिया गया है.

बीबीसी ने वसेवोलोद रोज़नोव के बारे में जानकारी जुटाई, तो इस बात का पता चला कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने के विदेशी निवेश के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाया है, उनमें से एक नाम वसेवोलोद रोज़नोव का भी है.

हालाँकि उनके दफ़्तर ने इस बारे में ‘नो कमेंट्स’ ही कहा है.

रूस में पिछले 30 सालों से कपड़ों का व्यापार करने वाले भारतीय मूल के मनोज लालवानी ने मॉस्को से बताया, “रूस में न तो काम की कमी है और न ही अवसरों की. व्यापारियों को या बड़े बिज़नेस हाउस को मार्केट चाहिए निवेश के लिए. भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, तो सभी वहाँ पैसा लगाना ही चाहेंगे”.

जानकर इस क़दम को अहम इसलिए भी बता रहे हैं, क्योंकि अभी तक रूस से भारत में होने वाले निवेश फ़ॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट यानी एफ़डीआई के ज़रिए ही होते रहे हैं न कि एफ़पीआई के ज़रिए, जिसमें विदेशी कंपनियाँ भारतीय शेयर बाज़ार में सीधे निवेश कर सकती हैं.

आर्थिक निवेश के क़ानूनी पहलुओं के जानकार प्रखर दुआ ने इकॉनॉमिक टाइम्स अख़बार में लिखा है, “सेबी ने इस तरह के बाहरी निवेश के मामलों पर कड़े क़ानून बना रखे हैं, लेकिन रूस की मौजूदा भू-राजनैतिक स्थिति को देखते हुए हम वहाँ से भारत में ज़्यादा एफ़पीआई आता देख सकेंगे. जो तीन लाइसेंस दिए गए हैं, वे 2026 तक चालू रहेंगे.”

  सोर्स :-“BBC  न्यूज़ हिंदी”                                  

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