8 मई 2023 – डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों सुबह नौ बजे तक हाई और शाम चार बजे तक एक्स्ट्रा डिम लेवल पर सूरज की किरणें पहुंच रही हैं। इसकी वजह से जिला अस्पताल के ओपीडी में चर्म रोग के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
इन दिनों मौसम में हो रहे बदलाव के कारण छोटी माता और सनबर्न से लोग ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं। मौसम परिवर्तन की वजह से कई तरह के वायरस सक्रिय हो गए हैं, जिन्होंने सूरज की किरणों की तरह अपना असर शरीर पर दिखाना शुरू कर दिया।
डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों सुबह नौ बजे तक हाई और शाम चार बजे तक एक्स्ट्रा डिम लेवल पर सूरज की किरणें पहुंच रही हैं। इसकी वजह से जिला अस्पताल के ओपीडी में चर्म रोग के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। चिंता की बात यह है कि इस बार इस मौसम में भी छोटी माता, सनबर्न, हीट रैश के मामले तेजी से अपना पांव पसार रहा है।जिला अस्पताल के चर्म रोग विभाग के डॉ. नीरज मेहता ने बताया कि इस बार तापमान की तीव्रता तेजी से घट व बढ़ रही है। इसके चलते चर्म रोगियों की संख्या बढ़ गई है। 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान पहुंच चुका है। कभी-कभी बरसात भी हो जा रही है। इस वजह से सूरज की पराबैंगनी किरणों से निकलने वाली तीव्रता शरीर के साथ ही त्वचा पर तेजी से असर डाल रही है।यही कारण है कि इन दिनों प्रतिदिन चर्म रोग विभाग की ओपीडी में 150 से 200 के आसपास मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
इन मरीजों के अंदर कई तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। सभी बीमारियां वायरस से ही है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में छोटी माता नहीं होती थी, लेकिन इस बार हर दिन तीन से चार मरीज छोटी माता के भी आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि युवाओं में ये लक्षण देखने को मिल रहा है, जबकि यह बीमारी पहले बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती थी।वहीं, प्रतिदिन नागरिक अस्पताल में सनबर्न के मरीज बढ़ गए है। सनबर्न में मरीजों को लाल रंग के चकते के साथ बाजू, हाथ, गले में दिक्कत की समस्या भी हो रही है। यह दिक्कत केवल बदल रहे मौसम की वजह से लोगों को हो रही है। यही कारण है कि लोगों को पांच सलाह दी जा रही है कि जिसमें पहला धूप में न निकलें, दूसरा धूप में निकले तो चेहरे, सिर को तेज धूप से बचाएं, तीसरा अधिक मात्रा में पानी पीते रहें, सूती व आरामदायक कपड़े पहने, चौथा धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीम का इस्तेमाल आवश्य करें और पांचवां फलों का जूस पीते रहें।वहीं, हीट रैशज की समस्या वाले मरीज भी अधिक आ रहे हैं। ऐसा तब होता है जब पसीना शरीर से बाहर नहीं निकल पाता और त्वचा में जमा रहता है। इसके कारण दाने हो जाते है और खुजली की समस्या होने लगती है।
वहीं, दाने जब फटने लगते है, तो पसीना बाहर निकलने लगता है तो त्वचा लाल होने लगती है और त्वचा में चुभन महसूस होती है। बता दें की चर्म रोग की दिक्कत आने वाले एक माह तक लोगों को और प्रभावित करेगा।इन दिनों सूरज की रोशनी तेज होती है। जो सीधा शरीर के साथ त्वचा को अधिक प्रभावित करती है। धूप का असर ऐसा है कि लोग सनबर्न के साथ हीट रैश की समस्या वाले मरीज ज्यादा आ रहे है। इस बार हर दिन तीन से चार छोटी माता के भी मरीज आ रहे है।
सोर्स :-“अमर उजाला