31 जनवरी 2023 | मौसम में ज्यादा बदलाव ना हो तो हर दिन धरती पर सूरज की पहली और आखिरी किरण करीब करीब निश्चित समय पर ही पड़ती है. लेकिन, धरती पर सूरज अलग-अलग समय पर चमकता है. भारत और अमेरिका के समय में काफी अंतर है. यही नहीं, अकेले अमेरिका के ही अलग-अलग हिस्सों में समय में काफी अंतर रहता है. धरती पर किसी देश में दिन काफी लंबा होता है तो कहीं रात खत्म होने का नाम ही नहीं लेती. क्या आप जानते हैं कि यूरोपीय महाद्वीप में एक देश ऐसा भी जहां रात सिर्फ 40 मिनट की होती है. सूरज आधी रात के बाद डूबता है और कुछ ही देर में फिर सुबह हो जाती है.
हम बात कर रहे हैं नॉर्वे की. नॉर्वे में रात के 12.43 बजे सूरज डूबता है. इसके 40 मिनट बाद यानी 1.30 बजे फिर सुबह की पहली किरण जगमगा उठती है. हालांकि, ये सिलसिला पूरे साल नहीं चलता है. बल्कि सूरज के डूबने और 40 मिनट बाद ही उगने का क्रम ढाई महीने ही रहता है. इसी वजह से नॉर्वे को ‘कंट्री ऑफ मिडनाइट सन’ भी कहा जाता है. यूरोपीय महाद्वीप का देश नॉर्वे आर्किटिक सर्किल में आता है. नॉर्वे में मई से जुलाई के बीच 76 दिन ऐसे होते हैं, जब सूरज डूबता ही नहीं है.
क्यों इतने कम समय के लिए डूबता है सूरज
नॉर्वे वर्ल्ड मैप पर यूरोपीय महाद्वीप के उत्तर में है. उत्तरी ध्रुव के बहुत ज्यादा करीब होने के कारण नॉर्वे में ठंड भी बहुत ज्यादा पड़ती है. इसीलिए नॉर्वे में बर्फ से भरी हुई पहाड़ियां हैं. ये देश ग्लेशियर ही ग्लेशियर हैं. इस देश में कभी दिन नहीं ढलता है. कुछ ऐसा ही हाल हेमरफेस्ट सिटी का भी है. नॉर्वे में लगातार नही डूबने वाले सूरज को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक खिंचे चले आते हैं. वहीं, यहां की खूबसूरत पहाड़ियां और ग्लेशियर भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. यूरोपीय महाद्वीप के खूबसूरत देश नॉर्वे को दुनिया के अमीर देशों में गिना जाता है.