• April 29, 2024 6:49 am

कांग्रेस के चुनावी वादों से बदलेगा राजस्थान का रिवाज या फिर बीजेपी के सिर सजेगा सत्ता का ताज?

22  नवंबर 2023 !  राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात गारंटियां देने के बाद अब मंगलवार को घोषणा पत्र जारी किया. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लोकलुभावने वादों की झड़ी लगा दी, जिसमें सबसे अहम चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दिया तो महिलाओं के सालाना 10 हजार रुपये देने का भी वादा किया है. राजस्थान में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना कराने और सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने के लिए बकायदा कानून बनाने का वादा किया है. किसानों को साधने के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की घोषणा की है. चिरंजीव स्वास्थ्य योजना की रकम को दोगुना करने सहित ओपीएस और जातिगत जनगणना का दांव कांग्रेस के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है?

कांग्रेस राजस्थान में साढ़े तीन दशक से चले आ रहे सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड को बदलने के लिए एक के बाद एक बड़े वादें कर रही है. कांग्रेस ने सात गारंटी देने के बाद घोषणा पत्र जारी किया है, जिसके जरिए किसानों से लकर नौजवानों और महिलाओं तक को साधने का दांव चला है. कांग्रेस के मेनिफेस्टो कमिटी के अध्यक्ष सीपी जोशी ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए बताया था कि प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ लोगों से सलाह लेकर तैयार कराया है, जिसमें सभी को जगह दी गई है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि उनका चुनावी घोषणा पत्र राजस्थान में सत्ता की वापसी की मजबूत आधार रखेगा, लेकिन बीजेपी का कहना है कि यह कांग्रेस का छलावा है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस जिन घोषणाओं के जरिए सत्ता का रिवाज बदलने के मूड में है.

राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना का आगाज किया था. इसके जरिए पहले पांच लाख तक का मुफ्त इलाज था, जिसे बाद में बढ़कर 25 लाख रुपये कर दिया गया था और अब कांग्रेस ने वादा किया है कि इसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये करेंगे. इस चिरंजीवी योजना के तहत प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी पूरी तरह निशुल्क है और ब्लैक फंगस, हार्ट सर्जरी, ट्रांसप्लांट, जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी शामिल है. देश में सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम है. कांग्रेस ने अब IVF को भी चिरंजीवी योजना में शामिल किया है. ज्यादा पैसे के खर्च के चलते बहुत सारे लोग आईवीएफ नहीं करा पाते थे, लेकिन अब उसे शामिल किया है.

चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना को कांग्रेस के लिए बूस्टर डोज माना जा रहा है. राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर लिखा है कि अब राजस्थान में किसी भी गरीब या मध्यम वर्गीय परिवार को बड़े से बड़े इलाज के लिए न तो अपना घर बेचना पड़ेगा और नही कर्जा लेना पड़ेगा और न ही गहने गिरवी रखने होंगे. सीएम गहलोत अपनी हर चुनावी सभा में चिरंजीवी योजना को जिक्र करते हैं, क्योंकि राज्य में बड़ी आबादी इसका लाभ उठा रही है. अब कांग्रेस ने इसकी राशि को दोगुना कर दिया है, तो निश्चित तौर पर कांग्रेस नेता इसका सियासी आंकलन राजनीतिक गलियारों में वोट और फिर से सत्ता में वापसी के तौर पर कर रहे हैं.

राजस्थान की सियासत में कांग्रेस जातिगत जनगणना के बहाने बीजेपी को ओबीसी विरोधी कठघरे में खड़े करने में जुटी है. राहुल गांधी अपनी हर सभा में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं और अब कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जातिगत सर्वेक्षण को प्रमुखता से स्थान दिया है. घोषणा पत्र के प्रस्तावना की पहली ही लाइन सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा से शुरू होती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आचार संहिता लागू होने से पहले इसका ऐलान किया था और अब उसे घोषणा पत्र में शामिल करके बड़ा दांव चला है.

कांग्रेस जातिगत सर्वे के बहाने ओबीसी को वोटों का साधने का दांव है, क्योंकि बिहार में जिस तरह से जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण को बढ़ा है, उस तरह से राजस्थान में भी एक उम्मीद जागी है. राजस्थान में ओबीसी को 21 फीसदी आरक्षण मिलता है जबकि देश के बाकी राज्यों में 27 फीसदी है. प्रदेश में ओबीसी जातियों की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन आरक्षण 21 फीसदी मिल रहा है. ऐसे में गहलोत ने ओबीसी आरक्षण का दायरा 21 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की कोशिश की थी और बिहार के तर्ज पर सर्वे कराकर उसे बढ़ाने की रणनीति मानी जा रही है. जाति आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस पार्टी को सियासी तौर पर मुफीद लग रहा है. सीएम गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही ओबीसी समुदाय से आते हैं, जिसे भी भुनाने की कोशिश की जा रही है.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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