• April 26, 2024 5:33 pm

गणतंत्र दिवस पर ये आसान भाषण देकर जीत सकते हैं इनाम

24 जनवरी 2022 | Republic Day Speech , Essay 2022 : 26 जनवरी को पूरा देश पूरे उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस बार परेड 10 बजे की बजाय 10.30 बजे शुरू होगी। फ्लाईपास्ट के लिए दृश्यता के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है। कोरोना के बीच आयोजित हो रही इस परेड को देखने के लिए आने वाले उन्हीं वयस्कों को अनुमति दी जाएगी, जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हों। 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए एक खुराक लिया होना जरूरी है। जबकि, 15 साल से कम उम्र के बच्चों को परेड स्थल पर आने की अनुमति नहीं होगी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता, अखंडता और सैन्य ताकत की झलक दिखाई देगी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न स्कूलों, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। ध्वाजारोहण के अलावा कई स्कूलों में निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताएं भी होती हैं। अगर आप भी इस मौके पर स्पीच देने की योजना बना रहे हैं तो आप नीचे लिखी स्पीच की मदद ले सकते हैं। 

आदरणीय मुख्य अतिथि, मेरे अध्यापकगण और मेरे साथियों… 

आज भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।  सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल इस दिन ही हमारे देश को अपना संविधान मिला था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इस के 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे।  

यह संविधान ही है जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था। 

संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। 

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होता है। राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं। राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के साथ उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती है। परेड में भारत की तीनों सेना- नौ सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी शामिल होती हैं और सेना की ताकत दिखती है।  

ऐसा नहीं है कि 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने और परेड व झांकियों आदि के समापन के साथ ही यह राष्ट्रीय त्योहार खत्म हो जाता है। 29 जनवरी को ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है। 

आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। भारत को जब तक इस समस्याओं से बाहर नहीं निकालते तब तक स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा नहीं होगा। एक होकर प्रयास करने से श्रेष्ठ और विकसित भारत का निर्माण होगा। 

इसी के साथ में अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा। 

जय हिंद… जय भारत 

Source;-“हिंदुस्तान”

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