31 जनवरी 2023 | बाजरा उगाने वाले किसानों को करीब 3 माह से भावांतर भरपाई योजना के तहत मिलने वाली राशि का इंतजार है। करीब 75 हजार किसानों को राशि नहीं मिल पाई है। यह राशि 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। सरकार ने किसानों भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों से प्रति क्विंटल 2350 रुपए बाजरा खरीदने का वादा किया था, जबकि मार्केट रेट 1900 रुपए था।
भावांतर भरपाई योजना के तहत प्रति क्विंटल 450 रुपए का अंतर राशि के तौर पर किसानों को राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराना था। किसान लगातार इंतजार में हैं कि उन्हें कब यह राशि मिलेगी। काबिलेगौर है कि सरकार ने गेहूं की फसल की राशि 48 से 72 घंटे में किसानों के खाते में देने का वादा किया था, राशि देने में देरी होगी तो सरकार किसानों को ब्याज भी देती है, लेकिन बाजरा उगाने वाले किसान लंबे समय से राशि का इंतजार कर रहे हैं।
मिलने हैं 3600 रुपए प्रति एकड़ आवेदन करने वाले 2.70 लाख किसानों को 450 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से 3600 रुपए मिलने हैं। कृषि विभाग ने प्रति एकड़ 8 क्विंटल की औसत निकाली है, 1900 रु. 2350 रु. के बीच का मार्जन किसानों के खातों में जाना है। सीएम विंडो पर दी शिकायत सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के कई किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत मिलने वाली राशि की देरी पर सीएम विंडो पर भी शिकायत की है। किसानों का कहना है कि अब तो रबी की फसल भी पकने को है, उन्हें तो बाजरा की राशि तक नहीं मिली।
3 बार में किसानों को 279 करोड़ रुपए हुए जारी…सूत्रों के अनुसार कृषि विभाग ने किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 3 बार बाजरा की राशि जारी की है। इसमें 3 नवंबर को भिवानी, दादरी, हिसार, झज्जर और सिरसा के करीब 78 हजार किसानों को 97 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की गई थी। जबकि 14 नवंबर को अम्बाला, फरीदाबाद, फतेहाबाद, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात और रेवाड़ी के एक लाख, 3 हजार से ज्यादा किसानों को 144 करोड़ से अधिक की राशि और 15 दिसंबर को गुड़गांव, पलवल, पंचकूला, रोहतक व अन्य 21 हजार से अधिक किसानों को 37 करोड़ से अधिक की राशि जारी की थी। इसके बाद कुछ राशि किसानों के खातों में डाली गई है।
किसानों को ब्याज सहित मिले राशि भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान का कहना है कि किसानों को समय पर राशि नहीं मिल पाएगी तो योजना का दायरा कैसे बढ़ेगा। सरकार को चाहिए कि किसानों को शेष राशि ब्याज सहित उपलब्ध कराए। यह राशि बिना किसी देरी के किसानों के खातों में जानी चाहिए।
सोर्स :- “दैनिक भास्कर”