*सबसे अधिक मार झेल रहे गरीब मजदूर वर्ग*
*छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि गरीबों के खाते में रूपए डालकर करें सहयोग*_
*पुरुषोत्तम कैवर्त्य*
कसडोल | जाहिर सी बात है कि पूरे देश में कोरोना महामारी तेजी से पांव पसार रहा है। जिससे लोगों की जान बचाने लॉकडॉउन का सहारा लिया जा रहा है और यही एक मात्र रास्ता भी है। इस बीमारी से छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है, कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ में जान लेवा वायरस के संक्रमण में काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में आगामी 6 अगस्त तक लॉक डॉउन लगाया गया है। इसका असर खेती किसानी के साथ साथ त्यौहारों पर पड़ रहा है। बकरीद के बाद रक्षाबंधन जो कि भाई बहनों का महा पर्व है पर भी पड़ा है। एक तरफ अन्य वर्षों की तुलना में राखियां कम बिक रही हैं। वहीं कीमत में 25 से 30% वृद्धि से बहनों को अधिक कीमत चुकाने पड़ रहे हैं। सिर्फ यही नहीं लॉक डॉउन की आड़ में व्यापारियों द्वारा दैनिक उपयोग के सामानों की जमाखोरी किए जाने से सभी सामानों से दाम आसमान छू रहे हैं। सामान्य गुटखा, तंबाखू, सिगरेट गुड़ाखू के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। एक ओर 5 रूपए मिलने वाले गुटखा, तंबाखू सिगरेट 10 रूपए में बिक रहे है वहीं गुड़ाखू के दाम में चार से पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। जैसे 5 रूपए में मिलने वाला गुड़ाखू 20 से 25 रूपए तथा 25 रूपए का गुड़ाखू 80से100 रूपए में दुकानदार बेच रहे हैं। इसका भी सीधा असर गरीब मजदूरों पर ही पड़ रहा है। एक तो काम धंधे बंद हैं वहीं बढ़ती मंहगाई गरीब मजदूरों के कमर तोड़ रही है। जमाखोरी एवं अधिक दाम पर सामान बेचने वाले दुकानदारों पर नकेल कसने में प्रशासन पूरी तरह फैल हो गया है। लॉक डॉउन में अनावश्यक गरीबों को लूटने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करने में नाकाम प्रशासन केवल मास्क न लगाने वालों पर ही जुर्माना वसूल करने को ही अपना कर्तव्य मान रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी कसडोल मंडल के मीडिया प्रभारी पुरुषोत्तम कैवर्त्य ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि केंद्र एवं अन्य राज्य सरकारों की तरह भूपेश बघेल सरकार भी गरीब मजदूरों के खाते में सीधा रूपए डालकर कोरोना काल में सहयोग करें, जिससे गरीबों को जीवन निर्वाह में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। छत्तीसगढ़ सरकार वैसे भी आज तक गरीब बजदुरो की मदद नहीं की है।
अशोक कुमार टंडन