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अमेरिकी दंपती पर न्यूक्लियर सीक्रेट बेचने की कोशिश का आरोप

23 अक्टूबर 2021 | अमेरिका की एक दंपती पर देश के बेहद अहम सैन्य रहस्यों को बेचने की कोशिश का मामला सामने आया है. दोनों गिरफ़्तार कर लिए गये हैं और उन पर अदालती कार्रवाई चल रही है. अगर वो दोषी पाए गए तो उन्हें ताउम्र जेल की सज़ा का सामना करना पड़ सकता है.42 साल के जोनाथन टोएबे और उनकी 45 वर्षीय पत्नी डायना एक बहुत ही पेशेवर, आरामदायक और सादा दिखने वाली ज़िंदगी गुज़ार रहे थे. अमेरिका के मेरीलैंड की राजधानी एनापोलिस के तटीय पॉश इलाके में उनके लाल ईंटों के घर में दो बच्चों और दो पिटबुल, साशा और फ्रैंकलिन की मौजूदगी से एक सुखद हलचल बनी रहती थी. आसपास की सड़कें सदाबहार ऊंचे पेड़ों से अटी पड़ी हैं. पास के ही एक शांत वाटर पार्क के घास पर सीप के खोल बिखरे हुए हैं. यहां घास करीने से काटे गए हैं, जिससे मीठी मीठी खुशबू आ रही है. यह एक यॉट हार्बर है तो पास ही में यूएस नेवल एकेडमी भी है. लेकिन इस जगह की यह शांति 9 अक्तूबर को तब भंग हुई जब अमेरिकी फेडरल एजेंट्स टोएबे परिवार के घर पहुंचे. उन्होंने यहां से 6,000 किलोमीटर दूर जेफ़रनस काउंटी, वेस्ट वर्जीनिया तक इस दंपति का पीछा था. ये वो जगह थी जहां इस टोएबे दंपति ने तथाकथित तौर पर देशद्रोह का प्रयास किया था. ये दंपति कथित तौर पर एक विदेशी सरकार को सैन्य रहस्य बेचने की कोशिश करने के आरोप का सामना कर रहा है, अगर दोष साबित हो गया तो उन्हें जेल में ज़िंदगी गुज़ारनी पड़ सकती है. वेस्ट वर्जीनिया की एक संघीय अदालत में बुधवार को जज ने ट्रायल का इंतज़ार कर रहे जोनाथन टोएबे को जेल में ही रहने का आदेश सुनाया जबकि उनकी पत्नी के लिए अलग आदेश सुनाएंगे जिसकी तारीख़ मुकर्रर नहीं की गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस हैरतअंगेज मामले ने एक सीधी सादी लगने वाली जोड़ी की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं जो तथाकथित तौर पर अपना सबकुछ दांव पर डाल रहे थे ताकि इससे वो एक सुपर-जासूस बन सकें. न्याय विभाग के मुताबिक जासूसी के प्रयास की शुरुआत अप्रैल 2020 में शुरू की गई थी जब अमेरिकी नौसेना के कर्मचारी जोनाथन टोएबे ने किसी विदेशी सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी को मेल के ज़रिए एक पैकेज भेज कर उनसे संपर्क किया. उनके नोट में ये लिखा गया था कि वह उन्हें परमाणु पंडुब्बियों के बारे में जानकारी मुहैया करवा सकते है.नौसेना ऑपरेशंस चीफ़ के दफ़्तर में बतौर सिक्युरिटी क्लियरेंस एक्सपर्ट कार्यरत जोनाथन ने पंडुब्बियों में इस्तेमाल होने वाले न्यूक्लियर प्रपल्शन सिस्टम के बारे में जानकारी होने का दावा किया था.

क्या था जोनाथन के काम करने का कथित तरीका

ऐसा मालूम पड़ता है कि जोनाथन जिस विदेशी सरकार से संपर्क करना चाह रहे थे वो अमेरिका के दोस्त थे जैसे कि फ़्रांस, न कि चीन या रूस. लेकिन इस बात की जानकारी नहीं मिली कि देश कौन सा था. जब जोनाथन ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने अमेरिकी जांचकर्ताओं को इसकी इत्तला दी और सहयोग किया और उन्होंने जोनाथन को पकड़ने का पूरा जाल बिछाया. जो पैकेज जोनाथन ने भेजे थे वो कुछ महीने के बाद दिसंबर में एफबीआई के कब्जे में आ गए फिर उसने अपने एक एजेंट को छद्म विदेशी अधिकारी बना कर जोनाथन संपर्क करने के लिए भेजा, यह कहते हुए कि जो कुछ वो देना चाहते हैं उसमें उनकी रुचि है. सरकारी आरोपों के मुताबिक ये दंपति संवेदनशील जानकारी एक एसडी मेमरी कॉर्ड के ज़रिए जासूसों के ख़ुफ़िया सामग्री पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्पॉट, जिसे डेड ड्रॉप कहा जाता था, पर रखते और उनकी पत्नी उसकी निगरानी करती थीं. जो प्रपल्शन टेक्नोलॉजी जोनाथन और डायना बेचने की कोशिश कर रहे थे वो सेना के सबसे बड़े सीक्रेट में से एक है और हाल ही अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने इसे लेकर एक डील किया है. जांचकर्ताओं के मुताबिक टोएबे ने चेकपॉइंट्स को पार करने के एक बार में दस्तावेज़ के कुछ ही पन्ने साथ ले जाते थे. अपने कथित साजिशकर्ता को उन्होंने एक नोट में लिखा, “मैं मेरे पास मौजूद फ़ाइलों को मेरी नौकरी के रूटीन के दौरान धीरे-धीरे और स्वाभाविक रूप से जमा करने में बेहद सावधान हूं ताकि किसी को भी मेरी योजना पर संदहे न हो.” अदालती दस्तावेज़ों के मुताबिक जानकारी सौंपने के लिए उन्होंने एसडी कार्ड को पीनट बटर सैंडविच के बीच में रखने या च्विंगम के पैकेट में चिपकाने या रेफ्रिजरेटर बैग के बैंडएड रैपर में रखने के तरीके भी अपनाए. पीनट बटर सैंडविच कार्ड के लिए जोनाथन को क्रिप्टोकरेंसी में 20 हज़ार डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) मिले थे. शुरू शुरू में जोनाथन शांत रहते थे लेकिन बाद में वे, इस बात से अंजान रहते हुए कि वो एफबीआई एजेंट थे, विदेशी अधिकारियों के साथ सहज महसूस करने लगे.उन्होंने एक बार एक नोट में लिखा था कि, “किसी दिन जब ये करना सुरक्षित हो तो शायद दो पुराने दोस्त एक कैफे में शराब की बोतल के साथ बैठें और उन्हें अपने साझा कारनामे और कहानियों पर हंसने का मौका मिले.”बीते हफ़्ते गिरफ़्तार किए जाने तक उन्होंने इतने पर्याप्त क़ाग़ज इक्ट्ठा कर लिए थे कि जो इस बात के सबूत थे कि वो जासूसी का प्रयास कर रहे थे.

पड़ोसी का क्या है कहना?

उनकी गिरफ़्तारी के एक हफ़्ते बाद, जोनाथन के घर पर सब कुछ वैसा ही था जैसा वो छोड़ कर जेल गए थे- सीलिंग फैन, बेसमेंट में स्पिनिंग पर अधूरा काम, बैठक की मेज पर एक मोजा.लोगों की जेहन में यह सवाल है कि एक दंपति जिसके लिए सब कुछ ठीक चल रहा था उस पर अचानक से देश के सीक्रेट को विदेशी राष्ट्र को बेचने की कोशिश का आरोप कैसे लगाया जा सकता है. पड़ोसियों के मुताबिक यह दंपति न तो ज़्यादा सामाजिक था और न ही पूरी तरह से एकांतप्रिय.जोनाथन को मध्यकालीन हथियारों में दिलचस्पी थी और वो उससे संबंधित एक संगठन सोसाइटी फॉर हिस्टॉरिक सोर्डमैनशिप से जुड़े हुए और सक्रिय थे.वहीं अटलांटा के एमोरी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर चुकीं उनकी पत्नी डायना एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थीं.अगर जासूसी के लिए आवश्यक ज़रूरतों के लिहाज से देखें तो वो इसके लायक नहीं थीं- उनके चमकीले बैंगनी बाल थे जिससे उनकी पहचान करना आसान था.पड़ोसी कहते हैं कि उन्हें जासूस माना जा रहा है तो उन्हें आसानी से दिखने वाला नहीं होना चाहिए था.

क्या पैसे की ज़रूरत है इसके पीछे वजह?

जब व्यक्तिगत और पेशेवर तौर पर टोएबे सफल थे तो वो ऐसा क्यों करेंगे?

दशकों जासूसी के मामलों पर शोध करने वाले अल्क्जेंड्रिया, वर्जीनिया के मनोचिकित्सक डेविड चारने कहते हैं कि यह रहस्यमयी जान पड़ता है. साथ ही वो ये भी कहते हैं कि कुछ ऐसे थीम हैं जो कई ऐसे ही मामलों में समान थे. अक्सर, लोगों में परस्पर विरोधी संवेगों को देखा जाता है. वो आमतौर पर पैसे की चाहत या उनमें बदला लेने की चाहत देखी जाती है. कुछ लोग चाहे जितने भी औसत क्यों न हों कुछ साबित करने की प्रबल इच्छा से प्रेरित होते हैं, वे वास्तव में छुपे रहस्यों वाले असाधारण लोग होते हैं. ख़ुफ़िया सेवा के लिए काम करने वाले और धोखा देने के मनोविज्ञान का अध्ययन करने वाले अधिकारियों ने ऐसे उद्देश्यों को एक संक्षिप्त नाम दिया है- एमआईसीई (माइस)- ‘एम’ से मनी, ‘आई’ से आइडियोलॉजी यानी विचारधारा, ‘सी’ से कन्प्रोमाइज यानी समझौता और ‘ई’ से ईगो यानी अहम. इन अधिकारियों के मुताबिक ये वो कारण है जिसकी वजह से लोग देशद्रोह करते हैं.अभियोजन पक्ष का कहना है कि जोनाथन को पैसे चाहिए थे. जांचकर्ताओं ने हलफनामा तैयार किया है उसके मुताबिक- उन्होंने अपने परमाणु रहस्यों के बदले क्रिप्टोकरेंसी में एक लाख डॉलर मांगे थे. यह भी सुझाया गया है कि हो सकता है उन्हें और उनकी पत्नी को आर्थिक समस्याएं हो. जिस मजिस्ट्रेट जज रॉबर्ट ट्रम्बल के पास इस दंपति की संपत्ति का घोषणा पत्र पहुंचा उन्होंने कहा है कि उनके लिए अदालत की ओर से वकील रखे जा सकते हैं. इसका मतलब यह हो सकता है कि वो पैसे वाले नहीं थे क्योंकि वो अपने वकील का खर्च नहीं उठा सकते, लेकिन वो निसहाय भी नहीं थे.अब डायना का प्रतिनिधित्व दो वकील कर रहे हैं. जब हमने वकीलों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.चारनी कहते हैं कि इस पूरे मामले में पैसा ही एक उनकी मंशा का कारण हो सकता है. लेकिन साथ ही वे यह भी कहते हैं, “आप इन तस्वीरों में उनके अच्छे घर को देख कर ये नहीं कहेंगे कि उनकी स्थिति उतनी भी बुरी थी. लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या सोचते हैं, अगर उन्होंने इसका अंजाम नहीं सोचा था तो यह उन्हें लगातार परेशानी में डालने वाला हो सकता है.”अनुभवी जासूस भी यह आश्चर्य करते हैं कि जोनाथन ने ये कैसे सोच लिया कि उनकी तरकीब काम करेगी. उनकी तकनीक मजबूत नहीं थी और बड़ा सवाल ये भी है कि दफ़्तर का एक कर्मचारी बग़ैर किसी प्रशिक्षण भला क्यों ऐसा जोखिम भरा ऑपरेशन करेगा.सीआईए के एक पूर्व अधिकारी जैक डेवाइन कहते हैं, “वह शौकिया जासूस है. उसने कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. उन्होंने बस एक-दो टीवी शो देखे हैं. इसके लिए क्या चाहिए उनके पास इसकी पूरी समझ नहीं है.”वे कहते हैं कि अगर आप जासूसी मूवी पर यह भरोसा करते हैं कि वो आपको ट्रेडक्राफ्ट (जासूसी के हथकंडे) सिखाएगा, तो आपको इसके लिए वास्तव में बहुत ज्यादा भाग्यशाली होना पड़ेगा.”निश्चित तौर पर जोनाथन तो नहीं थे.

Source :- बीबीसी न्यूज़ हिंदी

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