11-अक्टूबर-2021 | पंचायत चुनाव का असर सृजन घोटाला की जांच पर भी दिखने लगा है। अफसर और कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगने के चलते सीबीआई को कागजात उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। कल्याण कार्यालय द्वारा प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके चलते जांच का काम प्रभावित हो सकता है।जिला कल्याण कार्यालय की 221 करोड़ 60 लाख रुपये की अवैध निकासी हुई थी। सभी राशि अवैध तरीके से सृजन महिला विकास सहयोग समिति में ट्रांसफर कर दी गई थी। कल्याण कार्यालय की छह करोड़ रुपये की अवैध निकासी की पहली प्राथमिकी तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार द्वारा दर्ज करायी गयी थी। जांच में संलिप्तता पाये जाने के बाद अगस्त 2017 में ही अरुण कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था। कुमार के अलावा उनकी पत्नी भी जेल में बंद है। 115 करोड़ रुपये की दूसरी प्राथमिकी प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी सह तत्कालीन जिला पंचायत राज पदाधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर द्वारा दर्ज करायी गयी थी। दोनों प्राथमिकी की जांच सीबीआई कर रही है। बाद में एजी की ऑडिट रिपोर्ट में अवैध निकासी की राशि बढ़कर 221 करोड़ 61 लाख रुपये हो गयी। तीसरी प्राथमिकी जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव द्वारा 23 दिसंबर 2020 को कोतवाली थाना में दर्ज करायी गयी। सीबीआई ने 24 अगस्त 2021 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच को लेकर सीबीआई ने जिला कल्याण कार्यालय से अवैध निकासी से संबंधित दस्तावेज मांगा है। एक महीना बाद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जिला कल्याण पदाधिकारी मतपत्र की छपाई को लेकर करीब 12 दिनों तक कोलकाता में रहे। अन्य कर्मियों की भी चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव के चलते कागजात भेजने में विलंब हुआ है। पूजा के बाद कागजात सीबीआई को सौंप दी जाएग
Source;-“हिंदुस्तान”