• May 1, 2024 12:31 am

ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो चुनाव हारने के बाद भी क्या पलट सकते हैं बाजी, जानें खेल गए कौन सा दांव

23 नवंबर 2022 |  ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो तीन हफ्ते पहले ही चुनाव हार चुके हैं, लेकिन इसे वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। लिहाजा उन्होंने चुनाव परिणाम आने के तीन हफ्ते बाद अब नया दांव खेल दिया है। इससे एक बार फिर ब्राजील की सियासत में गर्मी पैदा हो गई है। चुनाव में मिली हार के तीन सप्ताह से अधिक समय बाद मंगलवार को सॉफ्टवेयर संबंधी किसी दिक्कत (बग) का हवाला देते हुए बोलसोनारो ने चुनाव परिणाम पर ही सवाल उठा दिया है। साथ ही उन्होंने निर्वाचन प्राधिकारियों से देश की अधिकतर ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) के जरिये डाले गए मतों को रद्द करने की मांग कर दी है। इससे ब्राजील के राजीनीतिक गलियारे में हलचल है।

बोलसोनारो के एडवोकेट का कहना है कि सिर्फ वैध मतों की गणना की जानी चाहिए। काफी संख्या में अवैध मत पड़े हैं। उनका दावा है कि वैध मतों की गणना की जाए तो चुनाव परिणाम बदल सकते हैं। हालांकि इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि इस ‘बग’ से परिणाम की विश्वसनीयता पर कोई असर नहीं पड़ा। जबकि राष्ट्रपति बोलसोनारो और उनकी ‘लिबरल पार्टी’ की ओर से 33 पन्नों की अपील दायर करने वाले वकील ने कहा कि मतों को रद्द किए जाने के बाद बोलसोनारो के पास 51 प्रतिशत वैध मत रहेंगे और वह चुनाव में पुन: जीत जाएंगे।

पूर्व राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को घोषित किया जा चुका है विजयी

निर्वाचन प्राधिकारी पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को पहले ही विजयी घोषित कर चुके हैं और बोलसोनारो के कई सहयोगियों ने भी नतीजों को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, बोलसोनारो के हार नहीं मानने के कारण कई शहरों में लोगों ने प्रदर्शन किए और परिणम स्वीकार करने से इनकार कर दिया। लिबरल पार्टी के नेता वालडेमार कोस्टा और पार्टी के एक लेखाकार ने कहा कि 2020 से पहले की करीब 2,80,000 मशीनों के आंतरिक ‘लॉग’ में व्यक्तिगत पहचान संख्या नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस ‘बग’ का पहले पता नहीं चला था। बावजूद इसके विशेषज्ञों का कहना है कि इससे परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

साओ पाउलो विश्वविद्यालय के पॉलिटेक्निक स्कूल में कंप्यूटर इंजीनियरिंग और डिजिटल सिस्टम के प्रोफेसर विल्सन रग्गिएरो ने बताया कि प्रत्येक वोटिंग मशीन को अब भी उसके शहर और मतदान जिले जैसे अन्य माध्यमों से आसानी से पहचाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे चुनाव परिणाम की विश्वसनीयता पर कोई सवाल खड़ा नहीं होता।

सोर्स :-” इंडिया TV ”              

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