16 दिसंबर 2022 | महासमुंद में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम से रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर बड़ा बयान दिया है। आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने पर मुख्यमंत्री बघेल ने राज्यपाल की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद राजभवन विभागों से जानकारी मांग रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा से बड़ा हो गया है क्या विभाग।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने राज्यपाल को विधिक सलाहकार गलत जानकारी दे रहे हैं। आगे सीएम बघेल ने कहा, राज्यपाल ने कहा था कि मैं तुरंत हस्ताक्षर करूंगी, लेकिन भाजपा नेताओं के दबाव के कारण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल को भाजपा के इशारों पर काम करना ठीक नहीं है।
बता दें कि आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने से पहले राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राज्य सरकार से 10 सवालों के जवाब मांगे हैं। इनमें पांच सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब सरकार के पास नहीं है।
दरअसल, सरकार ने अब तक अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की गणना के लिए गठित क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट राजभवन को नहीं सौंपी है। संशोधन विधेयक में ईडब्ल्यूएस का उल्लेख नहीं है। राज्यपाल ने एसटी, एससी और ओबीसी को 72 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद प्रशासनिक दक्षता को लेकर भी सवाल किया है।
मंत्री चौबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि अगर विधेयक लौटाना है, तो बिंदुओं के साथ लौटाना चाहिए। विधेयक पर पुनर्विचार कराना है, तो विधानसभा को लौटाया जाना चाहिए। राज्यपाल राष्ट्रपति और केंद्रीय गृहमंत्री से मार्गदर्शन ले सकती हैं। राज्यपाल को सारा अधिकार है। वह हमारी संवैधानिक प्रमुख हैं। विधानसभा में हमने सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया है।
सभी की अपनी सीमाएं हैं
मंत्री चौबे ने कहा कि जैसा बयान पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह या भाजपा नेता दे रहे हैं, उसी प्रकार केप्रश्नों को राजभवन अगर सरकार को प्रेषित करता है, तो यह उचित नहीं। हमारी मांग है कि जो विधेयक विशेष सत्र में पारित किया गया, उस पर हस्ताक्षर करना चाहिए। राजभवन को जितनी जानकारी देनी चाहिए, सभी जानकारियां दे दी गई हैं। न्यायालय में कौन सा मामला ठहर सकता है, इसके बारे में राज्यपाल को कौन जवाब दे सकता है। न्यायालय, राजभवन और राज्य सरकार की अपनी सीमाएं हैं। न्यायालय में हम किस तरह अपना पक्ष रखेंगे, यह पूछना उचित नहीं है।
सोर्स :-“नईदुनिया”