- उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत करीब ढाई लाख श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के तहत कोरोना की पहली लहर की तर्ज पर दूसरी लहर में भी मुफ्त राशन किट बांटी जाएगी। शुक्रवार को बोर्ड की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। राशन किट के साथ श्रमिकों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सैनिटाइजर और मास्क भी दिए जाएंगे।
उत्तराखंड l 15-मई-2021 l उत्तराखंड में कोरोना 24 घंटे में सामने आए 5775 नए संक्रमित, 116 मरीजों की हुई मौत बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तय हुआ कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर जल्द ही राशन किट का वितरण शुरू हो जाएगा। राशन किट में चावल, दालें, तेल, नमक आदि शामिल किया जाएगा। राशन किट विधानसभा व विकासखंड वार लेबर इंस्पेक्टर व एडिशनल लेबर कमिश्नर की देखरेख में स्थानीय विधायकों की मौजूदगी में बांटी जाएगी। वितरण के दौरान कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा और सीमित संख्या में श्रमिकों को बुलाया जाएगा।
पहली लहर में दो लाख श्रमिकों को बंटी थी राशन किट :
कोरोना की पहली लहर में बोर्ड के माध्यम से दो लाख श्रमिकों को राशन किट बांटी गई थी। साथ ही दो चरणों में श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। बैठक में बोर्ड के प्रभारी सचिव एनसी कुलाश्री (उप श्रम आयुक्त) सदस्य डा. इंदुबाला, उदित राज, रजनीश शर्मा, बसंत सनवाल, विक्रम सिंह कठैत, प्रमोद बोरा, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, वेलफेयर कमिश्नर डा. विंकेश, श्रमायुक्त दीप्ति सिंह, प्रभारी अपर श्रम आयुक्त अनिल पेटवाल उपस्थित थे। नए कार्यालय में जाएगा बोर्ड बैठक में तय हुआ कि बोर्ड के लिए शीघ्र नया कार्यालय तलाशा जाएगा। अध्यक्ष के मुताबिक, नए कार्यालय भवन के लिए विज्ञापन दे दिया गया है।
बोर्ड में सिर्फ उपनल और पीआरडी के तीन कर्मचारी :
बोर्ड में स्थायी कर्मचारी न होने पर चिंता जताई गई। कहा गया कि वर्तमान में बोर्ड को उपनल व पीआरडी के तीन कर्मचारी चला रहे हैं। जबकि बोर्ड में 18 पद स्वीकृत हैं। पूर्व में इनके सापेक्ष 38 कर्मचारी थे। जिन्हें हटा दिया गया था। बैठक में उन कर्मचारियों की तैनाती पर भी मंथन हुआ जो स्वीकृत पदों के सापेक्ष उपनल व पीआरडी से बोर्ड में तैनात थे। इसके अलावा कोविडकाल में बोर्ड के कुशल संचालन के लिए आपदा एक्ट के तहत अध्यक्ष को सभी प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार देने पर भी विचार हुआ।
बोर्ड में वित्त अधिकारी भी नहीं :
बैठक में बोर्ड में वित्त अधिकारी न होने पर भी चिंता जाहिर की गई। तय हुआ कि वित्त अधिकारी की तैनाती तक श्रमायुक्त कार्यालय के वित्त अधिकारी बोर्ड के वित्तीय मामले भी देखेंगे।