नवंबर 18 2023 ! मेवात के चोर गढ़ी का नाम आपने कभी सुना है क्या, यदि नहीं तो आज सुन लीजिए और जान लीजिए कि इस गांव का जैसा नाम है, वैसी ही पहचान भी है. पहले इस गांव के लोग गाय, भैंस और बकरी चोरी करते थे, लेकिन बाद के समय में यहां के लोगों ने अपग्रेड किया और बाइक चोरी करने लगे. वहीं अब यह गांव देश में साइबर क्राइम का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है. झारखंड के जामताड़ा से भी बड़ा. खतरनाक ऐसा कि इस गांव में पुलिस भी गश्त करने नहीं जाती.
जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्थान में भरतपुर के गांव चोरगढ़ी की. वैसे तो राजस्व रिकार्ड में यह गांव आज भी कावानका वास के नाम से दर्ज है, लेकिन बीते 50 साल या इससे भी अधिक समय से बोलचाल में इस गांव को शायद इस नाम से कभी पुकारा गया हो. चाहें इस गांव के लोग हों या कोई बाहरी, हर कोई इसे चोरगढ़ी के नाम से ही जानते और मानते हैं. आइए, इस गांव की खासियत की बात कर लेते हैं. दरअसल, इस गांव में शिक्षा दर शून्य है.
गांव के बुजुर्ग हों या बच्चे, महिला हों या पुरुष कोई स्कूल नहीं जाता. गांव में एक सरकारी स्कूल तो हैं, लेकिन यहां छोटे बच्चे केवल मिड डे मिल खाने जाते हैं. वहीं जैसे ही इन बच्चों में थोड़ी समझ विकसित होती है, ये अपराध में शामिल हो जाते हैं. इस गांव की एक और बड़ी खासियत है. वह यह है कि ये बच्चे भले ही पढ़ना लिखना नहीं जानते, लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. कुछ बच्चे तो फ्रेंच, जैपनीज और अन्य विदेशी भाषा भी बोल लेते हैं. इसके अलावा ये जब चाहें, पुरुष की आवाज में बोलते हैं, और जब चाहें महिलाओं की आवाज में बोलने लग जाते हैं.
दूसरे शब्दों में कहें तो ये ‘वन मैन कॉलसेंटर’ हैं. जब भी ये किसी व्यक्ति को ठगी के लिए कॉल करते हैं, सामने वाले को संतुष्ठ करने के लिए खुद ही सीनियर से बात कराने का झांसा देते हैं और फिर आवाज बदल कर लोगों को झांसे में लेते हैं. हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बार्डर पर स्थित राजस्थान के भरतपुर जिले में इस गांव के लोग 60 के दशक तक पशु चोरी करते थे. इसके बाद इन लोगों ने बाइक खासतौर पर हीरो होंडा की स्पलेंडर बाइक चोरी करनी शुरू कर दी.
इस गांव के लोगों की हरकतों का ज्ञान पुलिस को भी है, लेकिन सामान्य तौर पर पुलिस की भी हिम्मत नहीं होती कि इस गांव में गश्त करे. दरअसल वर्दी पहने व्यक्ति को देखते ही गांव के लोग टूट पड़ते हैं. हालात को देखते हुए करीब आठ साल पहले एक बार भरतपुर के तत्कालीन एसपी राहुल प्रकाश ने गांव में दबिश के लिए टीम बनाई. इसके लिए तीन थानों की पुलिस फोर्स के साथ आरएसी के 50 जवानों ने एक साथ गांव की घेराबंदी की थी.
इस दौरान पुलिस फोर्स ने दो कुओं से चार दर्जन से अधिक बाइक बरामद की थी. वहीं भूसे के गोदाम से कुछ ट्रैक्टर, बाइक और अन्य चोरी का सामान भी बरामद किए गए थे. साल 2008 की एक और घटना काफी चर्चा में रही थी. दरअसल गुरुग्राम क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर की बाइक पुलिस ऑफिस से चोरी हुई थी. इंस्पेक्टर सुराग तलाशते हुए चोर गढ़ी पहुंच गए थे और अपनी बाइक पहचान ली थी. लेकिन इतने में गांव के लोगों ने हमला कर दिया. पिट कर वापस लौटे इंस्पेक्टर को दो दिन बाद अपनी ही बाइक उन चोरों से छुड़ाने के लिए आधी कीमत देनी पड़ी थी.
सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “