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मध्य प्रदेश से ज्यादा राजस्थान में भारी पड़ सकती है बसपा, मायावती के उतरने से कितना बदलेगा गेम?

ByADMIN

Nov 17, 2023 ##prompt times

नवंबर 17 2023 ! मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटिंग हो रही है तो बगल के राजस्थान के सियासी संग्राम में बसपा प्रमुख मायावती उतर रही है. मायावती यूपी से सटे राजस्थान के इलाके से चुनावी अभियान की शुरुआत कर रही हैं. वो धौलपुर और भरतपुर में जनसभा को संबोधित करेंगी, जहां से राजस्थान ही नहीं मध्य प्रदेश को भी सियासी संदेश देने की रणनीति मानी जा रही है. धौलपुर और भारतपुर दोनों ही इलाके एमपी से लगे हुए हैं. मायावती के चुनावी रण में उतरने से राजस्थान की सियासी फिजा बदल सकती है और एमपी से ज्यादा कांग्रेस और बीजेपी के लिए टेंशन बढ़ा सकती हैं?

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी और कांटे की टक्कर मानी जा रही है, लेकिन बसपा के उतरने से कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है. बसपा ने राजस्थान में इस बार 196 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे, लेकिन 9 प्रत्याशियों ने मैदान छोड़ दिया है. इस तरह से अब बसपा के 185 प्रत्याशी ही मैदान में बचे हैं. ऐसे में अब मायावती चुनाव प्रचार के लिए उतर रही हैं ताकि बसपा के पक्ष में सियासी माहौल बना सकें.

मायावती 17 से 20 नवंबर यानि चार दिनों में राजस्थान में आठ रैलियां संबोधित करेंगी. प्रदेश में बसपा के चुनावी अभियान को धार देने के लिए मायावती धौलपुर में उतर रही है और उसके बाद भरतपुर में रैली करेंगी. इसके अलावा शनिवार को अलवर की बानसूर तो रविवार को करौली और गंगापुर में जनसभा करेंगी. ऐसे ही शोमवार को झुंझुनू जिले की खेतड़ी और नागौर जिले के लाडनूं में रैली करेंगी. मायावती ने राजस्थान के जिन आठ जगहों पर रैलियां कर रही है, उन सीटों पर दलित वोटर्स काफी निर्णायक भूमिका में है.

राजस्थान की सियासत में बसपा तीसरी ताकत के तौर पर उभरती रही है. बसपा 2008 और 2018 में छह-छह सीटें जीतकर किंगमेकर रह चुकी है. पिछले चुनाव में बसपा ने 190 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 6 विधायक जीते थे जबकि अन्य 25 सीटों पर मुख्य मुकाबले में रही थी. इन 25 सीटों कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय प्रत्याशी जितने मार्जिन से जीते थे, उससे ज्यादा वोट बसपा को मिले थे. इस तरह से बसपा भले ही जीत नहीं सकी, लेकिन पांच हजार से लेकर पचास हजार वोटों तक हासिल करने में कामयाब रही थी.

बसपा राजस्थान में करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखती है. बसपा 2018 में 4 फीसदी वोटों से साथ छह सीटें जीती थी. इसी तरह 2013 में बसपा साढ़े तीन फीसदी वोटों के साथ तीन विधायक जीतने में कामयाब रहे थे जबकि 2008 में बसपा साढ़े सात फीसदी से भी ज्यादा वोट हासिल किया था और उसके छह विधायक जीते थे. पिछले बीस सालों में हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड में कांग्रेस दो बार 2008 और 2018 में सत्ता हासिल किया, लेकिन दोनों बार बसपा के सहयोग से हो सका.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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